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आचार्य वर्धमान सागर 36 पिच्छिकाओं के साथ सोमवार को भगवान के जयकारों और गाजे बाजे से सुबह करीब पौने 9 बजे टोंक के अमीरगंज जैन नसियां पधारे। इस दौरान मंदिर भगवान महावीर आदि के जयकारों से गूंज उठा। माहौल धर्ममयी हो गया।
इस अवसर पर शहर के हजारों लोग उमड़ पड़े। दिगंबर आचार्य वर्धमान सागर टोंक में करीब 55 साल बाद पधारे है। इस दौरान जैन समाज ने अधिकांश अपने-अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। दिन भर आचार्य की सेवा में रहे। मंदिर पधारने के बाद आचार्य को ससंघआहार चर्या करवाई गई। इस बीच जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने मंदिर पहुंचकर आचार्य जी के दर्शन किए। उन्होंने जैन समाज के लोगों से बातचीत भी। 3 किमी मार्ग पर की गई सजावट
इससे पहले आचार्य जी का ससंघ मेहंदवास से करीब 4 किमी दूर टोंक की ओर जयपुर-कोटा फोरलेन के पास स्थित आरटी कारखाने पर रविवार रात्रि विश्राम हुआ था। वहां से सोमवार सुबह करीब 5.30 बजे अमीरगंज जैन नसियां के लिए विहार किया। उनके मंगल आगमन को जैन समाज के लोगों की ओर से देवली रोड पर अमीरगंज जैन नसिया तक करीब 3 किमी मार्ग पर सजावट की गई। 40 फीट ऊंचा स्वागत द्वार बनाया, फूलों की बारिश की
जयपुर-कोटा राजमार्ग से शहर में प्रवेश करने वाले मार्ग पर करीब 40 फीट ऊंचा स्वागत द्वार बनाया गया था। इसके अलावा कई इससे छोटे जगह जगह स्वागत द्वार बनवाए गए।
डिवाइडर के बीच खंभों पर आचार्य वर्धमान जी के कटआउट लगाए गए। शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा भी की गई। बैंड बाजों, ढोल नगाड़ों के साथ जैन मंदिर आचार्य को ससंघ जैन मंदिर अमीरगंज लाया गया। 2 महीने पहले टोंक के लोगों ने दिया था न्योता
ज्ञात रहे टोंक जैन समाज के लोग करीब 2 महीने पहले ही आचार्य वर्धमान सागर को संघ चतुर्मास टोंक में करने के लिए भीलवाड़ा जिले में श्रीफल भेंट कर न्योता दिया था। तब महाराज ने कहा थी चतुर्मास वहीं करेंगे, जहां चौदहश को रहूंगा। आज बारहस है। आज आचार्य को ससंघ जैन मंदिर मंगल प्रवेश कर गए है। उनकी व्यवस्थाओं के हिसाब से टोंक शहर उपयुक्त स्थान है। अब वे चतुर्मास यही करेंगे।

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