माटी कला बोर्ड की पहल के तहत प्रदेशभर में मिट्टी कामगारों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। बजट 2024-25 के तहत 1000 मिट्टी कामगारों को विद्युत चालित चाक और मिट्टी गूंथने की मशीन (पगमिल) देने की योजना बनाई गई है। सोमवार को आठ जिलों के 160 कामगारों का लॉटरी के माध्यम से चयन किया गया। उद्योग भवन के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक ने सवाईमाधोपुर, भरतपुर, धौलपुर, दौसा, टोंक, बूंदी, कोटा और बारां जिलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में लॉटरी निकाली। हर जिले से 20-20 कामगारों का चयन किया गया। चयनित कामगारों को 10 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। 25 जिलों के 500 कामगार होंगे लाभांवित
अध्यक्ष टाक ने बताया कि योजना के पहले चरण में 25 जिलों से 500 कामगारों को चयनित कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अब तक 9 जिलों के 180 कामगारों का चयन हो चुका है। शेष 16 जिलों के 320 कामगारों का चयन 20 जनवरी से पहले पूरा कर लिया जाएगा। 31 जनवरी 2025 तक सभी चयनित कामगारों को प्रशिक्षित कर उपकरण वितरित कर दिए जाएंगे। 13 हजार आवेदन, 1000 का चयन लक्ष्य
योजना के लिए प्रदेशभर से 13 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1000 कामगारों को लाभांवित करने का लक्ष्य है, जिसे इस साल के अंत तक पूरा किया जाएगा।