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आपातकाल संविधान और लोकतंत्र पर सबसे बड़ा खतरा:मंत्री खराड़ी बोले- गरीब और दलितों को बनाया गया निशाना, प्रेस की आजादी छीनी

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जिला भाजपा ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस और आपातकाल (काला दिवस) पर जिला स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष डॉ. रक्षा भंडारी ने की। जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी मुख्य अतिथि रहे। कार्यक्रम में पंचायतीराज राज्यमंत्री ओटाराम देवासी, सांसद लूंबाराम चौधरी और विधायक समाराम गरासिया समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण से हुई। मंत्री खराड़ी ने कहा कि आपातकाल लागू होने के 50 साल पूरे हो गए हैं। यह भारत के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला अध्याय था। उन्होंने बताया कि इस दौरान संविधान की भावना का उल्लंघन किया गया। संसद की आवाज दबाई गई। अदालतों को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया। गरीबों और दलितों को खास तौर पर निशाना बनाया गया। खराड़ी ने डॉ. मुखर्जी के योगदान को याद किया। उन्होंने बताया कि ‘एक निशान, एक संविधान और एक प्रधान’ का नारा डॉ मुखर्जी ने दिया था। वे जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग मानते थे। धारा 370 को समाप्त करने की पहली आवाज भी उन्होंने उठाई थी। राज्यमंत्री देवासी ने कहा कि 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे। प्रेस की स्वतंत्रता समाप्त कर दी गई थी। हजारों राजनीतिक नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों को जेल में डाल दिया गया था। उन्होंने कांग्रेस की गलत नीतियों को आपातकाल का जिम्मेदार ठहराया।

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