मुनव्वर राणा ने क्या खूब लिखा है- इंसान के हाथों की बनाई नहीं खाते, हम आम के मौसम में मिठाई नहीं खाते… आम खास है, चाहे देश हो या परदेस। जयपुर भी आम खाने के मामले में प्रदेश में सबसे खास रहा। आंकड़ों की मानें तो सीजन के 120 दिन में अब तक 72,20,000 किलो आम अकेला जयपुर खा चुका है यानी रोज 60,166 किलो।