राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने मंगलवार को जोधपुर के करवड स्थित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। समारोह में उन्होंने विभिन्न संकायों की छात्र-छात्राओं को 11 स्वर्ण पदक प्रदान किए। इसके अलावा आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, यूनानी, प्राकृतिक और योग संकाय के 2 हजार 416 विद्यार्थियों को स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की उपाधियां प्रदान की। अपने संबोधन में राज्यपाल ने महिला शिक्षा को लेकर कहा कि यदि एक बालिका पढ़ती है तो दो परिवार शिक्षित हो जाते हैं। उन्होंने महिला शिक्षा को मातृशक्ति का सम्मान बताया। कार्यक्रम में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में 11 से 10 बेटियां थी। उन्होंने कहा कि आज बालिकाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है।विश्वविद्यालय में बालिकाओं का प्रदर्शन बेहतर हुआ है। इसे देख राज्यपाल ने उन्हें बधाई दी। उन्होंने आयुर्वेद को लेकर कहा कि यह स्वास्थ्य से जुड़ा महत्ती ज्ञान है । इसका उपयोग गरीबों, जरूरतमंदों की नि:स्वार्थ भाव से सेवा में किया जाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय आयुर्वेद के भारतीय विशिष्ट उत्पादों के पेटेंटीकरण के कार्य में भी आगे बढ़े। भारतीय आयुष पद्धतियां योग, प्राणायाम आदि प्रकृति से जुड़ा जीवन बचाने का ज्ञान है। नवीन अनुसंधानों ने इसे प्रमाणित किया है कि आयुर्वेद असाध्य रोगों में भी बहुत कारगर है। उन्होंने कहा कि इस ज्ञान का उपयोग जीवन बचाने के लिए कैसे हो इस पर विश्वविद्यालय कार्य करें। कार्यक्रम में डॉक्टर सर्वपल्ली आयुर्वेद यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रोफेसर वैद्य बनवारी लाल गौड़ को विश्वविद्यालय की ओर से डी. लीट की मानद उपाधि प्रदान की गई। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने यूनिवर्सिटी परिसर में नेचुरापैथ एवं योग महाविद्यालय भवन का ऑनलाइन लोकर्पण भी किया। समारोह में शुरुआत में उन्होंने संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का वाचन किया। समारोह में पुलिस विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. (वैद्य) बनवारी लाल गौड़, कुलपति प्रो. वैद्य प्रदीप कुमार प्रजापति, कुलसचिव प्रो. गोविंद सहाय शुक्ल, प्रबंध मंडल के सदस्य, अन्य निकायों के सदस्य, विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, उपाधि एवं पदक प्राप्त विद्यार्थी सहित उनके अभिभावक उपस्थित रहे।