राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जोधपुर प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग सामान्य (तरुण व्यवसायी एवं महाविद्यालय विद्यार्थी) का समापन शुक्रवार को आदर्श विद्या मंदिर सिरे मंदिर रोड में हुआ। समारोह में भैरूनाथ अखाड़े के महंत गंगानाथ महाराज के शिष्य योगी आनंद नाथ महाराज का पावन सान्निध्य रहा। समारोह के मुख्य वक्ता राजस्थान क्षेत्र के संघ चालक रमेश चंद्र अग्रवाल थे। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में रमेश मुथा अध्यक्ष नाकोड़ा जैन तीर्थ, विशिष्ट अतिथि सुरेंद्र सिंह, वर्ग के सर्वाधिकारी सुरेंद्र गोयल, जालोर जिले संघचालक श्यामसुंदर सोलंकी उपस्थित रहे। ध्वजारोहण एवं संघ प्रार्थना के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ। प्रशिक्षणार्थियों ने वर्ग अवधि में सीखे गए योग , व्यायाम, नियुद्ध, दंड युद्ध, दंड संचालन का प्रदर्शन किया। घोष दल की विविध भारतीय राग आधारित मधुर स्वर लहरियों का अद्भुत प्रदर्शन रहा। इस मौके पर मुख्य वक्ता क्षेत्र संघचालक डॉ रमेशचंद्र ने कहा कि संघ की साधना सार्थक सामाजिक परिवर्तन के लिए है। उन्होंने कहा कि धीरे धीरे सर्वत्र स्वत्व का जागरण हो रहा है। बोले- अंग्रेजों ने भारतीय शिक्षा का सर्वनाश किया
उन्होंने विभिन्न उदाहरणों से बताया कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में देशभक्ति का भाव, सनातन संस्कृति के सम्मान का भाव जागरण हो रहा हैं। अंग्रेजों ने भारतीय शिक्षा का सर्वनाश का जो प्रयास शुरू किया, वामपंथियों ने उसे और आगे बढ़ाया। लंबे संघर्ष के बाद वर्तमान में शिक्षा के भारतीयकरण के प्रयास फलीभूत होते दिख रहे है। अंतरिक्ष और सामरिक क्षेत्र में अस्त्र शस्त्रों के निर्माण में आज भारत दुनिया में महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में स्थापित हुआ है। उन्होंने कहा- ऑपरेशन सिंदूर ने दुनिया भर में भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। इससे पूर्व वर्ग के वर्ग कार्यवाह प्रदीप कौशिक ने वर्ग की समस्त गतिविधियों प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। जालौर जिला संघचालक श्यामसुंदर सोलंकी ने सभी का आभार व्यक्त किया। बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जोधपुर प्रांत द्वारा संघ शिक्षा वर्ग 22 मई की शाम से शुरू हुआ। संघ कार्य के विस्तार और सुचारू संचालन के लिए आवश्यक योग्य और प्रशिक्षित कार्यकर्ताओं के निर्माण के लिए प्रतिवर्ष ऐसे प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन होता है। इस बार पहली बार यह वर्ग जालोर में आयोजित किया गया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दृष्टि में जोधपुर प्रांत को संघ की दृष्टि में इसे 21 जिलों व 7 विभागों में बांटा गया है। इस संघ शिक्षा वर्ग में डॉक्टर इंजीनियर, किसान, व्यवसायी, मजदूर व कॉलेज स्टूडेंट्स सहित कुल 302 शिविरार्थियों ने भाग लिया। संघ शिक्षा वर्ग को सुंदर, व्यवस्थित और कुशल तरीके से संचालित करने के लिए वर्ग में 45 शिक्षक और 50 प्रबंधक ने दायित्व निर्वहन किया। संघ शिक्षा वर्ग में दैनिक प्रशिक्षण कार्यक्रम और दैनिक अभ्यास सुबह 4 बजे उठने से लेकर 10:30 बजे दीप प्रज्ज्वलित करने तक शारीरिक और बौद्धिक गतिविधियों से परिपूर्ण था। अनेक गतिविधियां आयोजित की गई
दण्ड, नियुद्ध, दंड युद्ध, यष्टि, पादविन्या, समता, सामूहिक समता, योगासन, व्यायाम योग, खेल और घोष (संघ का वाद्य यंत्र) आदि। शारीरिक प्रशिक्षण, विद्यार्थियों का शारीरिक विकास, आत्मरक्षा, स्वयं को स्वस्थ रखना तथा अनुशासन को मुख्य पाठ माना जाता था। बौद्धिक विषयों में संवाद सत्र, चर्चा, बौद्धिक अभ्यास और रात्रिकालीन प्रशिक्षण शामिल थे। स्वयंसेवक संघ स्थान के बाद बौद्धिक विभाग के निर्देशन में अभ्यास एवं विद्यार्थी साझा गतिविधियां आयोजित की गईं।