बीकानेर सहित राजस्थान के सभी मोटर वाहन निरीक्षक और उपनिरीक्षक धौलपुर एसपी द्वारा निरीक्षकों को कथित रूप से अवैध हिरासत में रखने के विरोध में 4 फरवरी 2025 से कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं। बीकानेर रीजन के सभी निरीक्षकों ने प्रादेशिक परिवहन अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए सामूहिक अवकाश की सूचना दी है। इस हड़ताल के चलते बुधवार को बीकानेर और अन्य जिलों के परिवहन कार्यालयों में कामकाज ठप रहा, जिससे आम जनता को भारी परेशानी उठानी पड़ी। निरीक्षकों की हड़ताल के चलते मंगलवार रात से ही प्रदेशभर में सड़क परिवहन प्रवर्तन कार्य ठप हो गया, जिससे ओवरलोड और बिना फिटनेस वाले वाहन सड़कों पर बेखौफ दौड़ते नजर आए। बीकानेर सहित राज्यभर के डीटीओ कार्यालयों में बुधवार को ड्राइविंग लाइसेंस और वाहनों के पंजीकरण से जुड़े कार्य पूरी तरह से प्रभावित रहे, जिससे आमजन को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। जनता हुई परेशान, कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं डीटीओ कार्यालय में बड़ी संख्या में लोग अपने ड्राइविंग लाइसेंस, वाहन पंजीकरण और फिटनेस सर्टिफिकेट से जुड़े कार्यों के लिए पहुंचे, लेकिन निरीक्षकों की अनुपस्थिति के कारण उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। जिन लोगों के लर्नर लाइसेंस की अंतिम तिथि बुधवार को थी, वे विशेष रूप से चिंतित रहे, क्योंकि विभाग ने उनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। बीकानेर सिटीजन एसोसिएशन के एडवोकेट हनुमान शर्मा ने बताया कि यदि यह हड़ताल लंबी चलती है, तो परिवहन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा सकती है। उन्होंने सरकार से मांग की कि परिवहन निरीक्षकों की समस्याओं का समाधान निकाला जाए और साथ ही आम जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। हड़ताल का असर: परिवहन सेवाएं ठप, राजस्व का नुकसान धौलपुर जिले में दो दिन पूर्व रात के समय वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस अधीक्षक सुमित मेहरड़ा ने दो परिवहन निरीक्षकों को कथित रूप से अवैध वसूली के आरोप में हिरासत में लिया और सात घंटे बाद बिना किसी ठोस प्रमाण के छोड़ दिया। इस घटना से आक्रोशित होकर परिवहन निरीक्षकों ने हड़ताल का निर्णय लिया और मंगलवार रात से ही प्रवर्तन कार्य रोक दिया। हड़ताल का असर बुधवार को बीकानेर डीटीओ कार्यालय में भी दिखा। यहां ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ा कोई कार्य नहीं हुआ। वाहनों के पंजीकरण और भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया भी ठप रही। राजस्व विभाग को लाखों रुपए के नुकसान का सामना करना पड़ा। सड़क पर बिना टैक्स और फिटनेस वाले वाहन बेधड़क दौड़ते नजर आए। लर्नर लाइसेंस की अंतिम तिथि वाले आवेदकों को मानसिक और आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। इतना ही नहीं परिवहन कार्यालय में सुबह से ही खिड़कियां बंद रहीं, ड्राइविंग लाइसेंस शाखा के ताले भी दोपहर तक नहीं खुले।