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इंडियन नेवी में तैनात सीकर के जवान कोच्चि (केरल) में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए। शनिवार को पार्थिव देह उनके पैतृक गांव शिवभजनपुरा पहुंची। इकलौते बेटे का शव देखकर माता-पिता बिलख पड़े। बड़ी बहन बेसुध हो गई। रिश्तेदारों और अन्य लोगों ने उन्हें संभाला। देर शाम सैन्य सम्मान से उनका अंतिम संस्कार किया गया। लोकेश बुरड़क (22) 7 फरवरी 2020 को भारतीय नौसेना की आईएनएस द्रोणाचार्य यूनिट में भर्ती हुए थे। उनकी ड्यूटी कोच्चि (केरल) में थी। जवान की शुक्रवार (21 मार्च) को अचानक जवान की तबीयत खराब हो गई। उन्हें सेना के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां दम तोड़ दिया। जानकारी अनुसार जवान को ब्रेन हेमरेज हुआ था। तिरंगे में लिपटकर आया इकलौता बेटा
जवान की पार्थिव देह को आज उनके गांव शिवभजनपुरा लाया गया। दांतारामगढ़ से लेकर शिवभजनपुरा तक 10 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई। तिरंगा यात्रा पर ग्रामीणों ने जगह-जगह फूल बरसाए। पार्थिव देह घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। जवान की बड़ी बहन उर्मिला भाई के शव से लिपटकर रोने लगी। रिश्तेदारों ने उसे संभाला। तिरंग में लिपटे बेटे की पार्थिव देह को देखकर माता-पिता फूट-फूटकर रोए। चचेरे भाई ने दी मुखाग्नि
खेत में राजकीय सम्मान के साथ जवान का अंतिम संस्कार किया गया। जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जवान को चचेरे भाई ने मुखाग्नि दी। शहीद की बहन को तिरंगा भेंट किया
शहीद की बड़ी बहन उर्मिला (26) पढ़ाई कर रही है। सेना के उच्चाधिकारियों ने उर्मिला को तिरंगा भेंट किया और परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की बात कही। शहीद के पिता परमाराम खेती करते हैं।

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