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इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेस का IPO 26 जून को ओपन होगा:30 जून तक निवेश का मौका, मिनिमम इन्वेस्टमेंट ₹14,985; एग्रोकेमिकल्स बनाती है कंपनी

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इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेस का IPO 26 जून को ओपन हो रहा है। निवेशक इस इश्यू के लिए 30 जून तक बिडिंग कर सकेंगे। 3 जुलाई को कंपनी के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर लिस्ट होंगे। इस इश्यू के जरिए कंपनी टोटल ₹200 करोड़ जुटाना चाहती है। कंपनी इश्यू में 40 करोड़ रुपए के फ्रेश शेयर्स जारी करेगी। इसके साथ ही कंपनी के मौजूदा निवेशक या प्रमोटर ऑफर फॉर सेल यानी OFS के जरिए 160 करोड़ रुपए के शेयर बेचेंगे। अगर आप भी इस IPO में पैसा लगाने का प्लान बना रहे हैं तो हम आपको बता रहे हैं कि आप इसमें कितना निवेश कर सकते हैं… IPO से जुड़ी खास तारीखें नोट – ये टेंटेटिव डेट्स हैं, इनमें बदलाव हो सकता है। मिनिमम और मैक्सिमम कितना पैसा लगा सकते हैं? इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेस ने IPO का प्राइस बैंड ₹105 – ₹111 तय किया है। रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 135 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं। यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹111 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,985 इन्वेस्ट करने होंगे। वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 1,755 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹1,94,805 इन्वेस्ट करने होंगे। इश्यू का 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व कंपनी ने IPO का 50% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए रिजर्व रखा है। इसके अलावा 35% हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स और बाकी का 15% हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व है। IPO से जुटाई गई रकम का इस्तेमाल ₹210 करोड़ का कर्ज चुकाने और कैपिटल एक्सपेंडिचर, जनरल कॉरपोरेट पर्पस के लिए करेगी। इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेस का मुनाफा 55 करोड़ रुपए बढ़ा नोट – अमाउंट करोड़ रुपए में है…स्रोत: chittorgarh.com एग्रोकेमिकल्स और बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स बनाती है कंपनी इंडोगल्फ क्रॉपसाइंसेस 1993 से एग्रोकेमिकल्स, क्रॉप प्रोटेक्शन, प्लांट न्यूट्रिएंट्स और बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स बनाती है। कंपनी के पास 400 से ज्यादा प्रोडक्ट्स का पोर्टफोलियो है, और ये भारत के अलावा 34 देशों में एक्सपोर्ट भी करती है। IPO क्या होता है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं। कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है। ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है। इसी के लिए कंपनी IPO लाती है।

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