जिन्होंने वेब सीरीज क्रिमिनल जस्टिस-2 और फिल्म पिंक देखी होगी, उन्हें कीर्ति कुल्हारी की एक्टिंग रेंज पता होगी। राजस्थान के एक छोटे से गांव से आने वाली कीर्ति ने भी नहीं सोचा था कि एक दिन अमिताभ बच्चन के साथ स्क्रीन शेयर करेंगी। जाट परिवार से ताल्लुक रखने वाली कीर्ति जब पैदा हुईं तो दादी बेहोश हो गईं। दादी उम्मीद पालकर बैठी थीं कि लड़का होगा। फिल्मों में आए अभी कुछ साल ही हुए थे कि डिप्रेशन हो गया। न नींद आती थी, न भूख लगती थी। कैरेक्टर में ऐसे घुस जाती थीं कि एक बार रेप सीन के बाद 15 मिनट तक रोती रहीं। घर जाकर शॉवर लिया, तब जाकर किरदार से निकल पाईं। कीर्ति कुल्हारी की सफलता की कहानी, उनकी जुबानी.. पैदा होते ही दादी बेहोश हो गईं
मैं राजस्थान के झुंझुनूं जिले की रहने वाली हूं। मेरे पापा इंडियन नेवी में थे। वे मुंबई शिफ्ट हो गए थे। मुंबई के ही कोलाबा में मेरा जन्म हुआ। इससे पहले मेरी दो बहनों का जन्म हो गया था। लड़का एक भी नहीं था। मेरी दादी उस वक्त गांव में थीं। वे उम्मीद पालकर बैठी थीं कि बेटा होगा। जब पता चला कि तीसरी बार भी लड़की ही हुई तो बेहोश हो गईं। घर वाले एक्टिंग के खिलाफ थे, बस पिता का सपोर्ट था
बचपन में मैं बहुत शर्मीली थी। हर छोटी-छोटी बात में मेरा रोना निकल जाता था। एक्टर बनने के बारे में तो दूर-दूर तक नहीं सोचा था। घर में भी ऐसा कुछ माहौल नहीं था। पिता के अलावा कोई नहीं चाहता था कि मैं फिल्मों में आऊं। वे हर मोड़ पर मुझे सपोर्ट करते थे। मेरी वजह से उन्हें उल्टा-सीधा सुनना पड़ता था। कभी-कभी तो मुझे मम्मी से ज्यादा पापा अहम लगते थे। मुझे फील होता था कि पापा साथ हैं, तो कोई मेरा क्या बिगाड़ लेगा। गांव से भी जुड़ी रहीं, पशुपालन भी किया
मेरी पूरी पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय से हुई है। गर्मियों की छुट्टी में हम अपने गांव जाते थे। पापा के पास इतने पैसे नहीं थे कि हमें कहीं बाहर ले जाएं। इसलिए छुट्टियां मनाने गांव ही निकल जाते थे। गांव में हम लोगों ने अच्छा घर बना लिया था। वहां कुआं खोद दिया था। भैंसे पाल रखी थीं। बिना अनुभव ही फिल्म मिल गई
मैंने मुंबई से ही मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन किया। 2007 में मेरी पढ़ाई खत्म हुई। इसी साल मुझे फिल्म ‘खिचड़ी- द मूवी’ मिली। मैंने पापा से इस चीज की इजाजत ली, वे खुशी-खुशी मान गए। मैंने एक्टिंग की कोई ट्रेनिंग नहीं ली थी। मुझे एक्टिंग, कैमरा, म्यूजिक क्या होता है, कुछ पता नहीं था। फिल्म मिलने से पहले मुझे काफी सारे टीवी ऐड्स में काम करने का मौका मिला था। इसमें निविया क्रीम का ऐड काफी फेमस हुआ था। मैंने खिचड़ी से भी पहले एक फिल्म धारिणी में काम किया था, हालांकि यह कभी रिलीज नहीं हो पाई। रेप सीन के बाद रोती रहीं, किरदार से निकलना मुश्किल था
करियर के शुरुआती दिनों की बात है। मैं अपने किरदार से निकल ही नहीं पाती थी। मैंने 2011 की एक फिल्म शैतान में काम किया था। इस फिल्म में मेरा रेप सीन था। इसके अलावा फिल्म के एक्टर गुलशन दैवेया को मुझे एक थप्पड़ मारना था। दोनों सीन्स हो तो गए, लेकिन मुझे इससे निकलने में काफी वक्त लगा। इन दोनों सीन्स के शूट होने के बाद मैं वैनिटी वैन में 15 मिनट तक रोती रही। इसके बाद घर गई, वहां शॉवर लिया तब जाकर मन थोड़ा हल्का हुआ। फिल्म शैतान में काम को नोटिस किया गया, पर पहचान नहीं मिली
फिल्म शैतान में मेरे काम को काफी पसंद किया गया। लगा कि अब इसके जरिए इंडस्ट्री में खूब सारा काम मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जितनी पहचान मिलनी चाहिए थी, उतनी नहीं मिली। शायद मैंने अपनी PR और पब्लिसिटी नहीं कराई। मुझे लगता था कि जब लोगों को काम पसंद आ रहा है तो फिर PR कराने की क्या जरूरत है। अब यह भ्रम टूट चुका है। अब समझ में आ गया है कि टैलेंट तो खैर जरूरी है, लेकिन इसके साथ हल्की-फुल्की पब्लिसिटी भी जरूरी है। अचानक डिप्रेशन हुआ, नींद और भूख लगनी बंद हुई
2009 के अंत में डिप्रेशन की शिकार हो गई थी। दिमाग में कई तरह की बातें चलती थीं। नींद नहीं आती थी, भूख नहीं लगती थी। वजन कम होने लगा था। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मेरे साथ क्या हो रहा है। मेरे करीबी ने कहा कि तुम्हें मनोचिकित्सक से मिलना चाहिए। मैं झल्ला उठी, उससे पूछा कि क्या मैं पागल हो गई हूं? हालांकि समझाने के बाद मैं मनोचिकित्सक से मिली। उन्होंने मुझे दो महीने के लिए एंटी एंग्जाइटी पिल्स दीं। इसे खाने के बाद मुझे नींद आने लगी। डिप्रेशन की वजह से कई प्रोजेक्ट्स हाथ से निकले
इस बीच मुझे साउथ की एक फिल्म ऑफर हुई। लुक टेस्ट भी देने गई थी। बाद में पता चला कि उन्होंने मुझे फिल्म में लेने से मना कर दिया है। डिप्रेशन के वक्त बहुत सारे प्रोजेक्ट्स हाथ से निकल गए। ज्यादातर मैंने ही मना कर दिया था। मुझे उस वक्त बस खुद को बचाना था। काम के बारे में तो सोच ही नहीं रही थी। मेंटल हेल्थ ऐसी नहीं थी कि उस वक्त फायदा या नुकसान देखा जाए। फिर अमिताभ बच्चन के साथ स्क्रीन शेयर किया
2016 में फिल्म पिंक मिली, जिसके बाद मेरी लाइफ बदल गई। मुझे यह फिल्म ऑडिशन के जरिए मिली थी। सब कुछ नॉर्मल चल रहा था। तभी पता चला कि फिल्म में अमिताभ बच्चन भी काम करने वाले हैं। मैं तो शॉक्ड रह गई। उनके आने से फिल्म बहुत बड़ी बन गई। फिल्म में मेरा और उनका स्पेशल सीक्वेंस भी था। इस सीन को देखकर लोग हतप्रभ थे। कुछ लोगों ने कहा कि आप इस फिल्म की बेस्ट कैरेक्टर हो। एक्टर होने की वजह से घर मिलने में हुई दिक्कत
कोविड के बाद मेरे साथ एक अजीब वाकया हुआ। मैं घर शिफ्ट कर रही थी। एक तो एक्टर जानकर लोग घर देने में आनाकानी कर रहे थे। एक सोसाइटी मिली तो वहां बड़ी अजीब बात सुनने को मिली। ब्रोकर ने कहा कि वे आपको घर तो दे देंगे, लेकिन जब भी मीटिंग होगी, पेरेंट्स को बुलाना पड़ेगा। मैं यह सुनकर शॉक्ड रह गई। क्या मैं बच्ची हूं? बाल छोटे कराए तो लोग लेस्बियन समझने लगे
फिल्म ‘हिसाब बराबर’ की शूटिंग के बाद मैंने अपने बाल बिल्कुल छोटे करा लिए थे। बालों में काफी ज्यादा कलरिंग हो गई थी। मैंने यूं ही केयरिंग के लिए हेयर कट करा लिया, लेकिन जब फोटो डाली तो कुछ लोगों का बड़ा अजीब रिएक्शन आया। उन्हें लगने लगा कि मैं कहीं लेस्बियन तो नहीं हूं। उन्हें लग रहा था कि मैं जल्द ही अपने सेक्शुएलिटी को लेकर कोई अनाउंसमेंट करूंगी। खैर, अब ऐसे लोगों को कौन समझाए कि बाल छोटे कराने से किसी की सेक्शुएलिटी जज नहीं की जा सकती। इरफान खान के साथ समय न बिता पाने का गम आज भी
कीर्ति कुल्हारी ने फिल्म ब्लैकमेल में दिवंगत एक्टर इरफान खान के साथ काम किया था। उन्होंने कहा, ‘जब मैंने इरफान के साथ काम किया, उस वक्त चीजों की उतनी समझ नहीं थी। शायद, आज के वक्त में मैं उनसे ज्यादा कनेक्ट कर पाती। उनके अंदर एक ठहराव था, जो बहुत कम लोगों में होता है।’ दोहरी सफलता लेकर आया साल 2019
साल 2019 मेरे लिए काफी सफलता लेकर आया। मेरी दो फिल्में उरी- द सर्जिकल स्ट्राइक और मिशन मंगल कॉमर्शियली सुपर हिट रहीं। मिशन मंगल ने वर्ल्डवाइड तकरीबन 300 करोड़ के आस-पास का कलेक्शन किया था। उरी में मेरा हेलिकॉप्टर वाला सीन था। उसका बैकग्राउंड स्कोर और सीन की इंटेंसिटी अलग ही थी। मुझे दुख होता है कि मैं वो सीन लोगों के बीच थिएटर में नहीं देख पाई। खुद का प्रोडक्शन हाउस स्टार्ट किया, अनोखा नाम रखा
कीर्ति कुल्हारी एक प्रोडक्शन कंपनी भी चलाती हैं। उनकी कंपनी का नाम है- किंतसुकुरोई फिल्म्स। कीर्ति ने इसका मतलब समझाते हुए कहा, ‘किंतसुकुरोई एक जापानी शब्द है। इसका मतलब होता है, दो चीजों को जोड़ना। सिनेमा वह माध्यम है, जो दिलों को जोड़ता है। यही सोचकर मैंने अपने प्रोडक्शन हाउस का नाम यह रखा।’ लेटेस्ट फिल्म हिमेश रेशमिया के साथ
कीर्ति कुल्हारी की आज (7 फरवरी) फिल्म बैडएस रवि कुमार रिलीज हुई है। फिल्म के लीड एक्टर हिमेश रेशमिया हैं। पिछले महीने कीर्ति की एक और फिल्म हिसाब बराबर रिलीज हुई थी। इस फिल्म में आर माधवन की मुख्य भूमिका थी। —————————— सक्सेस स्टोरी का पिछला एपिसोड पढ़ें.. शराब में डूबे रहते थे बिग-बॉस विनर करण वीर: सारे दोस्त आगे बढ़ गए, सुशांत इनके जूनियर थे बिग बॉस-18 में करण वीर मेहरा के प्रतिद्वंद्वी विवियन डिसेना ने कहा था- इस लड़के ने जितनी मेहनत की है, अब तक उसे उसका क्रेडिट नहीं मिला है। करण वीर की लाइफ जर्नी को देखें तो विवियन की बात सही लगती है। 2005 में करियर शुरू करने वाले करण वीर को लोगों ने अब यानी 20 साल बाद पहचाना है। पूरी खबर पढ़ें..
![इनके पैदा होते ही दादी बेहोश हुईं, बेटा चाहती थीं:कीर्ति कुल्हारी को डिप्रेशन हुआ, प्रोजेक्ट्स से निकाली गईं; फिर अमिताभ-अक्षय संग फिल्मों में दिखीं 1 comp 5 1 1738838212 MpGYRn](https://rajdailynews.in/wp-content/uploads/2025/02/comp-5-1_1738838212-MpGYRn.gif)