भरतपुर। एक हफ्ते बाद नया इस्लामिक साल शुरू होगा। यह हिजरी कैलेंडर का पहला महीना मोहर्रम है। मथुरा गेट स्थित शमशेर बहादुर मस्जिद के मौलाना अब्दुल सलाम ने बताया कि मोहर्रम महीने में पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की कर्बला में शहादत हुई थीं। इस कारण इस माह को शोक, बलिदान और त्याग के रूप में मनाया जाता है। 26 जून को चांद रात मानी जाएगी और 27 जून को मोहर्रम की पहली तारीख रहेगी। 3 जुलाई को मोहर्रम की सातवीं तारीख को अलम निकाले जाएंगे। इसके अलावा 5 जुलाई को कत्ल की रात मनाई जाएगी। ताजियों को सेहरा बांधा जाएगा। मेहंदी पेश की जाएगी। इसके अलावा 6 जुलाई को मोहर्रम की 10 वीं तारीख के अनुसार ताजियों का जुलूस निकाला जाएगा। रिवायतों के मुताबिक मोहर्रम माह मनाएगा। इस दौरान मस्जिदों में वाअज होंगे। इसमें हजरत इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र होगा। मजलिसे होगी। उलेमा हजरत इमाम हुसैन की शहादत से जुड़े प्रसंग बताएंगे। मातम भी होगा । ताजिये और अलम भी तैयार करेंगे। अशुरा के दिन इन्हें जुलूस कर्बला तक लेकर जाएगा।

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