बीकानेर में मानसून इस बार आया ही नहीं। बादल आते हैं, पूरे शहर पर मंडराते हैं लेकिन बरसते नहीं है। ये ही कारण है कि इस बार बीकानेर शहर में एक बार भी झमाझम बारिश नहीं हुई है। इक्का-दुक्का बार कुछ मिनट की रिमझिम ने गर्मी से राहत देने के बजाय उमस को बढ़ा दिया है। मौसम विभाग की सेटेलाइट इमेज आज भी बीकानेर में बारिश का संकेत फिलहाल नहीं दे रही है। हर रोज की तरह बीकानेर में बादलवाही तो है लेकिन बरसात की उम्मीद नहीं है। मंगलवार को बीकानेर में रिमझिम बारिश की शुरूआत हुई तो लगा कि ये मानसून की पहली झमाझम बारिश है लेकिन कुछ ही देर में बादल बिना बरसे निकल गए। बुधवार को रिमझिम भी नसीब नहीं हुई। अब गुरुवार को भी ऐसे ही हालात नजर आ रहे हैं। मौसम विभाग एक बार फिर पूर्वी राजस्थान में ही भारी बारिश की चेतावनी दे रहा है जबकि पश्चिमी राजस्थान में बारिश का कोई संकेत नहीं है। सेटेलाइट इमेज से भी साफ है कि बादल अब तक पूर्वी राजस्थान पर ही मेहरबान है। पिछले साल उम्मीद से ज्यादा बरसे पिछले साल बीकानेर में मानसून की बारिश उम्मीद से ज्यादा हुई थी। आमतौर पर बीकानेर में 247 एमएम बारिश मानसून में होती है लेकिन पिछले साल ये आंकड़ा 423 एमएम तक पहुंच गया था। ऐसे में बारिश से न सिर्फ शहर बल्कि गांवों तक में तालाब बन गए थे। इससे पिछले सालों में भी बीकानेर में अच्छी बारिश हुई। पिछले कई सालों में ये पहला मौका है जब जुलाई के पहले सप्ताह में भी शहर बारिश को तरस रहा है।