राजस्थान में अचानक बढ़ी गर्मी ने लोगों को चौंका दिया। मार्च के पहले सप्ताह में ही कई जिलों में लू (हीटवेव) चलने लगी थी। अधिकांश शहरों में तापमान औसत से 5-7 डिग्री सेल्सियस ऊपर चला गया था। पश्चिमी राजस्थान के शहरों में तो दिन में कूलर-एसी तक चलाने की नौबत आ गई थी। अचानक इतनी गर्मी पड़ने के पीछे क्या कारण रहा? आने वाले 8-10 दिन में क्या इसी तरह की हीट वेव राजस्थान में चलने और तेज गर्मी रहने की संभावना है। मौसम में इस तरह के परिवर्तन के कारण क्या हैं, पढ़िए इस रिपोर्ट में… जयपुर मौसम विज्ञान केन्द्र डायरेक्टर और सीनियर साइंटिस्ट राधेश्याम शर्मा ने बताया- पिछले दिनों ईरान-पाकिस्तान की सीमा और अरब सागर में एक स्ट्रॉन्ग एंटी साइक्लोनिक सिस्टम बना। इसके कारण मौसम में इतना बड़ा परिवर्तन देखने को मिला। राधेश्याम शर्मा ने बताया ये सिस्टम धीरे-धीरे आगे बढ़कर गुजरात-राजस्थान की सीमा पर रुक गया। इसके चलते राजस्थान के बाड़मेर, जालोर, सिरोही समेत आसपास के एरिया में और दूसरे शहरों में तापमान तेजी से बढ़ गया। बाड़मेर-जालोर के एरिया में हीटवेव चली। इस सिस्टम का सर्वाधिक प्रभाव गुजरात के पश्चिमी बेल्ट में रहा, जहां पिछले दिनों कई शहरों का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया। इसके चलते मौसम विभाग नई दिल्ली को गुजरात के पश्चिमी हिस्सों में हीटवेव चलने का रेड अलर्ट जारी करना पड़ा। एक सप्ताह में 10 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ा तापमान
राजस्थान में एंटी साइक्लोन का ही असर रहा कि एक सप्ताह (4 मार्च से 12 मार्च के दौरान) अधिकांश शहरों का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया था। जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चूरू, जोधपुर, बीकानेर, झुंझुनूं, बाड़मेर, सिरोही, जालोर, उदयपुर समेत तमाम शहरों में गर्मी तेज हो गई। बाड़मेर, जालोर का पारा 40 से 41 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज हुआ, जो अमूमन 20 मार्च के बाद दर्ज होता है। ग्लोबल वार्मिंग एक बड़ा फैक्टर
निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया- ग्लोबल वार्मिंग तेज गर्मी का एक बड़ा कारण बनता जा रहा है। इसका असर अब विंटर (सर्दी) और समर (गर्मी) सीजन के समयावधि पर देखने को मिल रहा है। विंटर सीजन जो अमूमन साढ़े तीन माह (मध्य नवंबर से फरवरी तक) होता था। वह कम होकर अब दो माह या उससे भी कम का रह गया। कड़ाके की सर्दी के दिन भी बहुत कम हो गए हैं। इसके विपरीत गर्मी के सीजन के दिन बढ़ गए हैं। अब मार्च से जून तक तेज गर्मी के दिन रहने लगे हैं। समर सीजन की शुरुआत अब फरवरी के आखिरी सप्ताह या मार्च के पहले सप्ताह से होने लगी है, जो जून के आखिरी सप्ताह तक रहती है। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक 14 से 16 मार्च के बीच एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस राजस्थान में एक्टिव हुआ था। इसके असर से बीकानेर, जोधपुर, जयपुर, अजमेर और भरतपुर संभाग के जिलों में तीन दिन थंडरस्टॉर्म एक्टिविटी (बादल छाने, बारिश होने और हल्की आंधी चलने) रही थी। इस दौरान कुछ शहरों में हल्की बारिश भी हुई थी। इससे तापमान में गिरावट हो रही है। यह 18 मार्च तक जारी रहेगी। मार्च के आखिरी सप्ताह (22-23 मार्च) तक राज्य में तापमान सामान्य के आसपास रह सकता है। इसके बाद एक एंटी साइक्लोन फिर से बन सकता है, जिसके कारण वापस गर्मी तेज हो सकती है। इससे तापमान बढ़ने की संभावना है।
