उत्तराखंड के एक गांव से साल 2015 में एक युवक लापता हो गया। वो ससुराल जाने का बोलकर घर से निकला था, लेकिन न ससुराल पहुंचा और न घर वापस आया। दस साल से जिस युवक के लिए घर वाले दर-दर की ठोकरें खा रहे थे, वो बीकानेर के गजनेर में मिल गया। गजनेर पुलिस ने कुछ दिन पहले एक अज्ञात संदिग्ध युवक को पकड़ा था। वो खुद अपना नाम-पता नहीं बता सका। पुलिस ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और उसकी पहचान कर ली। गजनेर पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल ने इस मंदबुद्धि युवक को घर तक पहुंचाने की ठान ली और आखिरकार उसकी बहन के सुपुर्द कर दिया। मामले में सबसे दिलचस्प मोड़ तब आया जब युवक को उसकी बहन के साथ विदा किया जा रहा था। पुलिस अधिकारियों ने जब परिवार के साथ जाने को कहा गया तो बोला- मैं तो यहीं ठीक हूं, आप कहते हो तो चला जाता हूं। मोहर सिंह मौर्य की लापता होने, घर वापस जाने की पूरी कहानी… 25 साल की उम्र में लापता हुआ था
गजनेर पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल आनंद सिंह ने बताया- उत्तराखंड के कस्बे सरकरा पटी थाना बाजपुर का रहने वाला मोहर सिंह मौर्य है। मोहर सिंह की आयु करीब 35 साल है। दस साल पहले जब वो 25 साल का था तो अपने घर से निकल गया था। परिजनों की मानें तो वो तब अपना नाम-पता सब समझता था, उसका विवाह हो चुका था। एक बेटे के साथ ही गर्भवती पत्नी भी थी। एक दिन अपने घर से ससुराल के लिए रवाना हुआ लेकिन न ससुराल पहुंचा और न घर। उसकी गुमशुदगी रिपोर्ट भी थाने में लिखाई गई लेकिन कुछ पता नहीं चला। राजस्थान कैसे पहुंचा मोहर सिंह
हेड कॉन्स्टेबल आनंद सिंह ने बताया- मोहर सिंह ना जाने कैसे राजस्थान पहुंच गया। चार-पांच दिन पहले वो कोलासर गांव के पास पहुंचा। जहां ग्रामीणों ने उसे संदिग्ध मानकर पुलिस को फोन कर दिया। हेड कॉन्स्टेबल आनंद सिंह मौके पर पहुंचे और मोहर सिंह को थाने ले आए। काफी पूछताछ के बाद भी मोहर सिंह अपना नाम व पता नहीं बता सका। फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर डाला
हेड कॉन्स्टेबल ने बताया- मोहर सिंह की फोटो खींची और सोशल मीडिया पर डाल दी। महज दो-तीन दिन में ही वीडियो इतना वायरल हो गया कि उत्तराखंड के एक हेड कॉन्स्टेबल ने उसे देख लिया। उसी ने उत्तराखंड पुलिस को सूचना दी कि ये लापता युवक बीकानेर के गजनेर थाने में है। यहां संपर्क करने पर हेड कॉन्स्टेबल आनंद ने उत्तराखंड पुलिस को और जानकारी व फोटो भेजे। इस पर पुष्टि हो गई कि ये मोहर सिंह ही है। गरीब परिवार चंदा करके आया। पिछले दो दिन में पुलिस थाने में ही उसे नहलाया गया। बाल कटिंग करवाई गई। दाढ़ी बनवाई गई।
मोहर सिंह के गायब होने के बाद उसके पिता की मौत हो गई। मां बीमार हो गई। पत्नी जैसे-तैसे घर चला रही है। इस बीच उसकी बहन ने भाई के मिलने की सूचना मिलने पर चंदा किया और एक गाड़ी लेकर बीकानेर आ गई। बहन का कहना है कि वो अर्से पहले गायब हो गया। हमने खूब ढूंढा लेकिन मिला नहीं। वो उत्तराखंड के ही हसीनपुरा गांव जाने का बोलकर निकला था। बड़ी बहन मंजू मौर्य उसे लेकर अब उत्तराखंड रवाना हो रही है। पुलिस ने बदल दिया हुलिया
कानासर के पास जब मोहर सिंह मिला था, तब उसके बाल बढ़े हुए थे। कपड़े फटे हुए थे। पिछले दो दिन में पुलिस थाने में ही उसे नहलाया गया। बाल कटिंग करवाई गई। दाढ़ी बनवाई गई। अब वो साफ सुथरा नजर आ रहा है। ऐसे में बहन ने भी आसानी से उसे पहचान लिया। कंटेंट: विनोद मोदी गजनेर
