उदयपुर में सेक्टर-4 स्थित नारायण सेवा संस्थान की बिल्डिंग के 5वें फ्लोर में बीती रात करीब 1 बजे शॉर्ट सर्किट से अचानक लग गई। नाइट शिफ्ट में काम रहे कर्मचारियों ने भागकर अपनी जान बचाई। अफरा-तफरी का माहौल हो गया। बिल्डिंग से धुआं निकलता आता देख भीड़ जमा हो गई। कर्मचारियों ने फायर ब्रिगेड और सिविल डिफेंस की टीम को सूचना दी। कई घंटे तक चला आग बुझाने का काम रात 1.30 बजे फायर ब्रिगेड और सिविल डिफेंस टीमें मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाने और राहत-बचाव का कार्य शुरू किया। मंगलवार सुबह करीब 8 बजे तक आग पर काबू पाया जा सका। आग बुझाए जाने के बावजूद रुक-रुककर लपटें तेज होती रही। सिविल डिफेंस टीम के जवान ब्रीदिंग मशीन लगाकर अंदर पहुंचे और आग बुझाने की कोशिश की। गनीमत रही कि आग का तुरंत पता लगने पर कर्मचारी वहां से भाग गए वरना बड़ी जनहानि हो सकती थी। फर्नीचर, एलईडी, जरूरी फाइलें आदि सामान जलकर खाक आग की इस घटना में लाखों रुपए का सामान जल गया। इस बिल्डिंग का 3 हजार स्क्वायर फीट का एरिया है। जिसमें 5वें फ्लोर पर नारायण सेवा संस्थान का ऑफिस संचालित होता है। ऐसे में यहां लगा पूरी फर्नीचर जल गया। अलमारी, एलईडी, एसी कम्प्रेसर, जरूरी फाइलें-दस्तावेज सहित पूरा सामान जलकर राख हो गया। आग बुझाने के लिए दमकल की 10 गाड़ियां मंगाई गई। तब काबू पाया जा सका। हादसे के वक्त पांचवें फ्लोर पर 10 कर्मचारी थे 5 मंजिला बिल्डिंग के सबसे ऊपर वाले फ्लोर पर जब आग लगी तब वहां 10 कर्मचारी थे। एक ने आग लगते देखी तो तुरंत चिल्लाते हुए अपने साथियों को भागने के लिए कहा। सभी ने सीढ़ियों से भागकर जान बचाई। बिल्डिंग के ग्राउंड से लेकर चौथे फ्लोर तक संस्थान ने दुकानें किराए पर दी हुई हैं। 5वें फ्लोर पर उनका ऑफिस चलता है। रात में दुकानें बंद थी और संस्थान का नाइट शिफ्ट ऑफिस चालू था। नारायण सेवा संस्थान के बारे में जानें नारायण सेवा संस्थान (उदयपुर) एक गैर सरकारी संगठन है जो शारीरिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों, विशेषकर दिव्यांगों की मदद करता है। यह संस्था 1985 में स्थापित की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों को सशक्त बनाना है। यहां जन्मजात विकलांगता से पीड़ित रोगियों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा है। इसके अलावा दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग, पुनर्वास, सामूहिक विवाह और कौशल विकास से संबंधित सेवाएं भी की जाती हैं।