उदयपुर के गोवर्धन सागर झील में सरकारी कर्मचारी ने कूदकर जान दे दी। जो भू-प्रबंधन कार्यालय गोवर्धन विलास में जमादार के पद पर कार्यरत था। पुलिस को मृतक की जेब से एक कारण बताओ नोटिस मिला है, जो भू-प्रबंधन अधिकारी द्वारा जारी किया गया था। नोटिस में उससे 25 मार्च से बिना अनुमति गैरहाजिर रहने का जवाब तीन दिन में मांगा गया था। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इसी नोटिस के कारण वह तनाव में था। गोवर्धन विलास थाना पुलिस के एएसआई देवेन्द्र पुरी गोस्वामी ने बताया- रमेश डामोर बांसवाड़ा के रहने वाले थे।मामले की जांच जारी है। आत्महत्या के पीछे का सटीक कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। इस संबंध में उसके कार्यालय और परिजनों से पूछताछ की जा रही है। ये लिखा था कारण बताओ नोटिस में..
आप 25 मार्च 2025 से आज दिनांक तक किसी सक्षम अधिकारी की अनुमति के कार्यालय में गैरमौजूद रहे। आपसे बार-बार वार्ता करने का प्रयास किया गया लेकिन आप द्वारा कोई जबाव नहीं दिया। पूर्व में भी आपके इस तरह के बर्ताव के कारण नोटिस जारी किए गए। इसके बावजूद आप द्वारा आदतन इस प्रकार के कृत्य किए जा रहे हैं। आपके यह कृत्य कर्तव्यों और कार्य के प्रति घोर लापरवाही बताता है। 3 दिन में अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। अन्यथा आपके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ये लेटर मिला था जेब से…. सुबह लोगों ने झील में तैरते हुए देखा था शव
एएसआई देवेन्द्र पुरी गोस्वामी ने बताया- घटना सुबह करीब 8 बजे की है जब कुछ लोगों ने गोवर्धन सागर झील में शव को तैरते हुए देखा तो तुरंत पुलिस को सूचना दी। सूचना पर गोवर्धन विलास थाना पुलिस और नागरिक सुरक्षा विभाग की टीम मौके पर पहुंची। रेस्क्यू कर मृतक के शव को बाहर निकाला गया और पुलिस के सुपुर्द किया। पुलिस ने शव को एमबी हॉस्पिटल मॉर्च्युरी में रखवाया है। रेस्क्यू टीम में गोताखोर नरेश चौधरी, विजय नकवाल, भवानी शंकर वाल्मीकि और कैलाश मेनारिया शामिल थे। “अब रेगुलर आऊंगा ऑफिस”- आत्महत्या से पहले जमादार का वादा
भू-प्रबंधन अधिकारी कीर्ति राठौर ने बताया- मृतक जमादार कार्यालय से लगातार गैरमौजूद चल रहा था। दो-तीन बार नोटिस दिए थे। वह शराब का आदी था। एक सप्ताह पहले उसने कहा था – मैडम, अब मैं रेगुलर ऑफिस आऊंगा, लेकिन वह नहीं आया। मौत के पीछे क्या कारण रहे हैं, यह जांच का विषय है।
