अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने उदयपुर से लॉरेंस गैंग के गुर्गे मनोज साल्वी को गिरफ्तार किया है। मनोज लॉरेंस से प्रभावित था और डॉन बनना चाहता था। इसके लिए उसने लॉरेंस की गैंग में शामिल होने का प्रयास किया। जांच में सामने आया कि मनोज ने लॉरेंस के गिरोह के लिए हथियारों की तस्करी शुरू कर दी थी। गुजरात एटीएस में उसके खिलाफ हथियार सप्लाई को लेकर पहले भी शिकायत दर्ज है। इनपुट के आधार पर अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने उसे उदयपुर से गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार- साल्वी ने लॉरेंस के भाई अनमोल से वीडियो कॉल से बात की है। लेकिन, वह डॉन बनने के लिए कैसे सक्रिय हुआ। फिलहाल इसकी जांच चल रही है। लॉरेंस की तरह डॉन बनना चाहता था
पुलिस के अनुसार, मनोज साल्वी अभी 22 साल का है, लेकिन वह 17 साल की उम्र से ही लॉरेंस की तरह डॉन बनना चाहता था। ऐसे में संपर्क में आने के बाद लॉरेंस गैंग की ओर से उसे हर बार अलग-अलग काम सौंपे गए। कई बार कवर दिया गया, जिसमें कभी-कभी हथियार भी शामिल होते थे। जांच में सामने आया कि मनोज की ओर से हथियारों को अलग-अलग राज्यों में सप्लाई किया गया। पुलिस को मामले में अब लॉरेंस गैंग के कई लिंक मिलने की उम्मीद है। गुजरात समेत कई राज्यों में मामले दर्ज
पुलिस के अनुसार, मनोज छोटे-बड़े दोनों तरह के अपराधों में शामिल रहा है। उसके खिलाफ गुजरात समेत अन्य राज्यों में हथियार सप्लाई करने समेत कई अपराध दर्ज हैं। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम फिलहाल इस बात की जांच कर रही है कि उसका लॉरेंस गैंग से सीधा जुड़ाव कैसे हुआ और वह किस तरह से हथियारों की सप्लाई कर रहा था। सोशल मीडिया के माध्यम से ही संपर्क किया जाता था
हथियारों के अलावा अन्य कामों के लिए भी मनोज साल्वी से सोशल मीडिया के जरिए संपर्क किया गया था। उसे आगे के काम करने के लिए अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निर्देश दिए गए थे। दूसरी ओर, पता चला है कि मनोज साल्वी ने लॉरेंस के भाई अनमोल से भी वीडियो कॉल के जरिए बात की। लॉरेंस का भाई फिलहाल जेल में है। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम मनोज से यह भी जानकारी हासिल करने में जुटी है कि लॉरेंस गैंग के कौन-कौन से सदस्य इस तरह से सोशल मीडिया पर दूसरे लोगों को टास्क दे रहे थे। गोगामेड़ी हत्याकांड में मनोज से चाकू जब्त किया था
5 दिसंबर 2023 को श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के संस्थापक सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या हुई थी। पुलिस गोगामेड़ी हत्याकांड में एक के बाद एक आरोपियों को गिरफ्तार कर रोहित सिंह राठौड़ तक पहुंची थी। सबसे पहले आर्म्स एक्ट के आरोपी राजसमंद निवासी रोहिताश्व उर्फ रोहित श्रीमाली को दो पिस्तौल के साथ गिरफ्तार किया गया। रोहिताश्व से पूछताछ के बाद आरोपी यशपाल सिंह राठौड़ को उसके दो साथियों के साथ सुखेर में नेशनल हाईवे-76 से गिरफ्तार किया गया था। यशपाल के कब्जे से एक अवैध पिस्तौल और 3 कारतूस तथा मनोज साल्वी व कैलाश प्रजापत के कब्जे से एक-एक लोहे का चाकू जब्त किया गया था।
