उपभोक्ता मामलात मंत्रालय के तहत बीआईएस की हॉलमार्किंग कमेटी की 22 जुलाई की बैठक में चांदी के आभूषणों पर हॉलमार्किंग अनिवार्य करने पर फैसला हाे सकता है। इसके अलावा भरतपुर, डूंगरपुर और बाड़मेर काे साेने के गहनाें के लिए अनिवार्य हाॅलमार्किंग में लाया जाएगा। 9 कैरेट साेने के हॉलमार्क गहने बेचने की अनुमति पर भी विचार हाेगा। अभी तक चांदी के हॉलमार्क गहने बेचना अनिवार्य नहीं है। कुछ ज्वैलर्स बीआईएस से लाइसेंस लेकर हॉलमार्क गहने बेच रहे हैं। ऐसे गहनाें में चांदी की शुद्धता 92.5% हाेती है। हाॅलमार्किंग से चांदी के खाेटे गहने बेचने वालाें पर राेक लगेगी। कमेटी सदस्य राकेश कुमार ने बताया अभी 14, 18, 20, 22, 23 और 24 कैरेट साेने के हॉलमार्क गहनाें का कारोबार करने की अनुमति है दुनियाभर में 9 कैरेट साेने के गहने बड़ी तादाद में बिकते हैं। यह भी जान लें कि साेने की शुद्धता 9 कैरेट से कम हाेने पर इसे साेने की श्रेणी में नहीं रखा जाता। छाेटे ज्वैलर्स के लिए भी हॉलमार्क लाइसेंस हाे सकता है जरूरी
केंद्रीय उपभोक्ता मामलात मंत्रालय ने अभी 40 लाख सालाना कारोबार करने वाले छाेटे ज्वैलर्स काे हॉलमार्क लाइसेंस लेने से छूट दे रखी है। लेकिन अब इस छूट काे वापस लिया जा सकता है। हॉलमार्क कमेटी की बैठक के एजेंडे में यह शामिल है। हालांकि, छाेटे ज्वैलर्स छूट जारी रखने की मांग कर रहे हैं।”
