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जोधपुर के प्रतिष्ठित उम्मेद क्लब में पिछले कई सालों से चले आ रहे पदाधिकारियों और सदस्यों के विवाद का आखिरकार पटाक्षेप हो गया है। राजस्थान हाईकोर्ट, जोधपुर ने 1 जुलाई को दिए आदेश में स्पष्ट किया कि क्लब की वर्तमान कार्यकारिणी की ओर से पूर्व सचिव विनय कवाड़ की सदस्यता बहाल कर दी गई है, जिससे कोर्ट में लंबित अपील अब निस्तारित की जाती है। उल्लेखनीय है कि उम्मेद क्लब की 2021-23 की कार्यकारिणी समिति ने पूर्व सचिव विनय कवाड़ सहित तीन अन्य पदाधिकारियों की सदस्यता अनियमितताओं के आरोप में क्लब से निष्कासित कर दिया था। यह कार्रवाई जितेन्द्र मेहता जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर की गई थी। इस निर्णय के खिलाफ कवाड़ सहित अन्य ने कानूनी लड़ाई शुरू की। क्लब के अधिकृत सह सचिव ने उदय मंदिर पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी दर्ज करवाई लेकिन पुलिस जांच में सभी को क्लीन चिट मिल गई। इसके बाद साल 2023-25 की नई कार्यकारिणी ने पुलिस जांच और तथ्यों की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित की, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल थे। समिति ने क्लब के रिकॉर्ड और पुलिस रिपोर्ट के आधार पर पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई को निरस्त करने की अनुशंसा की। पिछले 27 मई को क्लब की कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव पारित कर विनय कवाड़ की सदस्यता बहाल कर दी गई। इस निर्णय को शपथ पत्र के रूप में हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया गया। हाईकोर्ट में क्या हुआ? खींचतान खत्म, सामंजस्य बढ़ने की उम्मीद हर जांच में मिली क्लीन चिट: कवाड़ उम्मेद क्लब के पूर्व सचिव विन कवाड़ ने कहा- साल 2021-23 की कार्यकारिणी ने अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए मेंबरशिप टर्मिनेट करके एफआईआर भी दर्ज कराई थी। पुलिस ने गहनता से जांच करते हुए उस पर क्लीन चिट दे दी। इसी बीच बनी नई कार्यकारिणी ने भी नए सिरे से एक कमेटी गठित कर जांच करवाई। जांच में मेरे खिलाफ कुछ नहीं मिला, तो इस कमेटी ने भी क्लीन चिट दी। इसके बाद दोनों जांच पर आम सभा में चर्चा कर अध्यक्ष को निर्णय के लिए अधिकृत कर दिया गया। उसी आधार पर पूर्व में तीन सदस्यों की सदस्यता बहाल कर दी गई, जबकि मेरा नाम त्रुटिवश रह गया था। तब, मैंने राजस्थान उच्च न्यायालय में अपील दायर की। उस पर सुनवाई पूरी हो चुकी थी और फैसला रिजर्व था। इसके बाद नई कार्यकारिणी ने निर्णय लेते हुए आमसभा में बनी सहमति के आधार पर मेरे सदस्यता को बहाल कर दिया। क्लब की तरफ से लिए गए निर्णय व संबंधित दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत किए गए। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान माना कि क्लब ने जो किया, वो ठीक है और इसी के साथ मेरी अपील का निस्तारण कर दिया।

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