प्रदेश में बिजली कंपनियों में निजीकरण और छबड़ा थर्मल पावर प्लांट को लेकर चल रहे विरोध के बीच ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की मंशा निजीकरण की नहीं है। उन्होंने कहा कि एनटीपीसी और अन्य केंद्रीय उपक्रमों के साथ किए गए ज्वाइंट वेंचर प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और वित्तीय प्रबंधन को बेहतर बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि कर्मचारियों में सेवा शर्तों को लेकर जो आशंकाएं थीं, उन्हें दूर किया गया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी ज्वाइंट वेंचर में कर्मचारी हितों पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया- हमने कर्मचारियों से चर्चा कर उन्हें भरोसा दिलाया है कि न तो उनकी नौकरी पर असर पड़ेगा और न ही प्रमोशन या सेवा शर्तों में कोई बदलाव होगा। इसके लिए हमने डिस्कॉम्स और उत्पादन निगमों के सीएमडी को लिखित आश्वासन देने के निर्देश दिए हैं।” बिजली महंगी होने की आशंका पर मंत्री ने दिया जवाब
छबड़ा थर्मल पावर प्लांट को एनटीपीसी के साथ 50-50 फीसदी हिस्सेदारी में ज्वाइंट वेंचर के रूप में देने की प्रक्रिया पर चल रहे विवाद और बिजली महंगी होने के सवाल पर ऊर्जा मंत्री ने कहा- हमने कंपनी से साफ कहा है कि जिस खर्च पर आरवीयूएनएल अभी काम कर रहा है, उसी खर्च पर सहमति बनाएं। अगर हमें ज्यादा लागत पर बिजली लेनी है तो फिर अपने उपक्रमों से ही काम क्यों नहीं कराएं? उन्होंने बताया कि एनटीपीसी को केवल संसाधन दिए जा रहे हैं, कोई भी ऐसा निर्णय नहीं लिया जाएगा, जिससे ऑपरेटिंग खर्च बढ़े। हम बिजली के दाम बढ़ने नहीं देंगे। हमने कंपनी से साफ कहा है कि ऑपरेशन कॉस्ट वही रखी जाए जो अभी है। उन्होंने कहा-अगर बिजली महंगी होती है तो इसका कोई मतलब नहीं रह जाएगा। दो साल में दिखेगा रिन्यूएबल एनर्जी का असर
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि सरकार की योजना बिजली की लागत को कई तरीकों से कम करने की है। “हम सोलर और रिन्यूएबल एनर्जी पर फोकस कर रहे हैं। इससे आने वाले दो सालों में असर दिखेगा और प्रदेश की जनता को कम दरों पर बिजली मिल सकेगी।” उन्होंने बताया कि हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के तहत सस्ती और स्थानीय स्तर पर सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने की योजना है, जिससे डिस्कॉम्स को फायदा होगा और घाटे में कमी आएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि ट्रांसमिशन और वितरण तंत्र को मजबूत करने की दिशा में भी योजनाबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं। कर्मचारी संगठनों ने जताई सहमति
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि ज्वाइंट वेंचर और उत्पादन क्षेत्र में किए जा रहे एमओयू को लेकर कर्मचारियों की सभी शंकाएं दूर कर दी गई हैं। कर्मचारियों ने सरकार के रुख पर सहमति जताई है। बिजली कर्मचारियों के आंदोलन और छबड़ा प्लांट से जुड़े मसले को लेकर यह पहली बार है जब ऊर्जा मंत्री ने विस्तार से सरकार का पक्ष मीडिया के सामने रखा है।
