ऊर्जा विभाग के एसीएस और प्रमुख रेजिडेंसियल कमिश्नर आलोक का इलाज के दौरान निधन हो गया। आलोक पिछले काफी दिनों से कैंसर से पीड़ित थे। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें महीने भर पहले दिल्ली के अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। आज दिल्ली आवास पर उनका निधन हो गया। आज दिल्ली में लोधी रोड श्मसान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा आलोक के निधन पर सीएम भजनलाल शर्मा, पूर्व सीएम अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित कई मंत्री विधायकों, नेताओं, आईएएस एसोसिएशन सहित कई संगठनों ने शोक जताया है।
आलोक तेज तर्रार और कड़क फैसले लेने वाले अफसर माने जाते थे। 15 नवंबर 1966 को पटना में जन्मे आलोक 1993 बैच के आईएएस थे। उन्होंने बीटेक मैकेनिकल किया था। उनके इंजीनियरिंग बैकग्राउंड की छाप एनर्जी सैक्टर में किए गए फैसलों में दिखती थी। कोटा में एसडीओ से की थी आईएए करियर की शुरुआत, बूंदी में कलेक्टर के तौर पर पहली पोस्टिंग
आलोक 1993 बीच के आईएएस ऑफिसर थे। कोटा जिले के रामगंज मंडी से उन्होंने आईएएस करियर की शुरुआत की। 29 जुलाई 1995 से 1997 तक वे रामगंज मंडी एसडीओ रहे। इसके बाद 18 अप्रैल 1998 से 18 मार्च 1999 तक जयपुर डीआरडीए के एडिशनल कलेक्टर और प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहे।
कलेक्टर के तौर पर 15 मार्च 1999 को पहली बार उन्हें बूंदी कलेक्टर के तौर पर जिम्मेदारी दी गई, जहां में 30 अक्टूबर 1999 तक रहे। बूंदी के अलावा आलोक सवाई माधोपुर, बीकानेर, कोटा और उदयपुर के कलेक्टर रहे। भरतपुर के संभागीय आयुक्त रहे। केंद्र और राज्य में वरिष्ठ पदों पर रहे आलोक फील्ड के अलावा केंद्रीय डेपुटेशन और राजस्थान सरकार में वरिष्ठ पदों पर रहे। रीको के एमडी,मीण विकास विभाग के सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के कमिश्नर, राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव की जिम्मेदारी संभाली। आलोक लंबे समय तक केंद्रीय डेपुटेशन पर रहे हैं। 15 जनवरी 2020 में वे केंद्रीय डेपुटेशन पर चले गए थे जहां जनवरी 2024 तक रहे। 15 जनवरी 2020 से 19 जनवरी 2023 तक वे एनएचएएआई के मेंबर एडमिनिस्ट्रेशन रहे?, फिर नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के अतिरिक्त सचिव रहे, 9 जनवरी 2024 तक उन्होंने यह जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद वह सेंट्रल डेपुटेशन सेवापस लौटे और उन्हें ऊर्जा विभाग और रेजिडेंट कमिश्नर की जिम्मेदारी दी गई।