सुभाष मुंडेल/ओमप्रकाश खिलेरी | नागौर पिछले 6 माह में 5 लोगांे की जान ले चुका मानासर ओवरब्रिज पर हादसे रोकने के लिए प्रशासन (एनएच) ने जुगाड़ का सहारा लेते हुए दोनों तरफ डबल ब्रेकर लगाए हैं। जबकि यहां सर्विस रोड सहित करते हुए डिवाइडर बनाया जाना था ताकि वाहन चालक जल्दबाजी में सड़क क्रॉस नहीं करे। अब इस ओवरब्रिज पर दोगुने हादसों का खतरा बना रहता है। पहला तो ऊपर दोनो तीव्र घुमावदार मोड़ में सुपर ऐलिवेशन नहीं होना। जिससे वाहन के पलटने का हर समय खतरा रहता है। वहीं दूसरा कारण सड़क से उतरते ही असुरक्षित जोन का होना है। यहां न तो सर्विस रोड पूरी बनी है और न ही रोड क्रॉस करने से रोकने को लेकर कोई डिवाइडर लगे है। उल्टा यहां स्पीड ब्रेकर ऐसी जगह लगा दिए जिससे भारी वाहन अगर ओवब्रिज पर चढ़े तो स्पीट 0 करके चढ़ना होता है। यानी वाहन कभी भी अनियंत्रित होेकर बैक चल सकता है। एक्सपर्ट की माने तो उक्त ओवरब्रिज पर तीव्र घुमावदार मोड और सुपर ऐलिवेशन, यानी लेवल सही होने के चलते हादसे हो रहे हैं। इंजीनियरों की तरफ से जब ब्रिज की डिजाइन की गई तो उस समय ऐसी ही बड़ी कई खामियां छोड़ दी गई। डिजाइन अनुसार यू-आकार में बने इस ब्रिज पर हादसे रोकने के लिए दोनों तरफ चढ़ाई पर ब्रेकर लगाना उचित समाधान नहीं है, बल्कि इससे दोगुने हादसे भी हो सकते हैं। क्योंकि जब ब्रिज बनकर हैंडओवर हुआ तब यहां से गुजरने वाले वाहनांे के लिए 40 किमी प्रति घंटा गति सीमा तय की गई थी। जैसे ही ब्रिज के मोड पर हादसे होने लगे तो स्पीड लिमिट घटाकर 30 कर दी। अब फिर 1 जुलाई को हादसा हुआ तो ब्रिज पर लगाए ब्रेकर से चढ़ाई करते समय वाहनों की गति शून्य हो रही। ऐसे में (भारवाहक) भारी वाहनों को चढ़ाई करते समय शून्य से स्पीड पकड़ने में बड़ी परेशानी हो रही है। कोई भारी वाहन अगर रिवर्स आए तो बड़ा हादसा होने का खतरा बन चुका है। भास्कर टीम ने 4 घंटे तक यहां हर वाहन पर नजर रखी इस दौरान 20 से अधिक वाहन ऐसे आए जो लोड के कारण ब्रेकर से पीछे चले। 2. डिवाइडर/संकेतक : ब्रिज के दोनों साइड से नीचे उतरते, चढ़ते समय वाहनों की स्पीड कम करने स्पीड ब्रेकर लगाए। ताकि 1 जुलाई जैसा हादसा न हो। लेकिन इससे भारी वाहन रिवर्स आ रहे है। ब्रिज के दोनों तरफ नियमानुसार डिवाइडर बनाने और संकेतक लगाने की जरूरत है। जबकि यहां डिवाइडर लगाकर नाकाम जुगाड़ किया गया। गाड़िया बैक आ रही है। 1. सुपर एलिवेशन : ब्रिज पर सड़क की गोलाई ढलान के अनुसार लेवल में तैयार करनी थी। मगर 5 इंच का लेवल कम है, यानी ढलान सही नहीं होने के चलते यहां से गुजरने वाला हर चौपहिया वाहन 8 इंच तक झुकता है, जिससे वाहन के पलटने की संभावना बनी रहती है। ऐसे ही 1 फरवरी को तेजाब से भरा टैंकर पलटा था। यहां पानी भरा पड़ा है। नियमानुसार ब्रिज की चढ़ाई पर ब्रेकर नहीं लगते। स्पीड शून्य होने से भारी वाहन (हवी लॉडेड) का सेल्फ ग्रेविटी से मोमैंटम टूटते ही कभी भी रिवर्स मंे पीछे आ सकते हैं और बड़ा हादसा हो सकता है। ब्रिज कितनी डिजाइन स्पीड के लिए सेक्शन हुआ, इसके लिए मंत्री, कलेक्टर को कमेटी बनाकर टेक्नीकल पैरामीटर की जांच हो। ब्रिज राज्य सरकार के अधीन है। अभी ब्रिज वारंटी पीरियड में हैं और 10% सिक्यूरिटी पड़ी है। पैरामीटर बदल पुल की रोड, मोड में बदलाव किया जा सकता है। हमेशा का सिर दर्द मिटाने ऑपरेशन करवाना होगा, दर्द निवारक इंजेक्शन से बीमारी खत्म नहीं होगी। – बीएल भाटी, एक्सईएन एनएच (रिटायर्ड) सीधी बात पंकज यादव, एसई, एनएच बीकानेर सर्किल Q. मानासर ओवरब्रिज पर लगातार गड़बड़ी के कारण दुर्घटनाएं हो रही है, इसकी बनावट ऐसे क्यों की गई है ? A. निर्माण में डिजायन को लेकर जो शिकायत मिली, उसकी केंद्र की जांच टीम आकर रिपोर्ट बनाएंगी। रेलवे ने जो जीएडी अप्रूव की थी। उसी अनुसार बनाया। Q. यहां जुगाड़ के तौर पर स्पीड ब्रेकर लगे है। इससे वाहनों की गति कम होगी मगर भारी वाहनों के ब्रेक लगने से दुर्घटनाएं बढेगी। ? A. वाहनों की गति कम करने लगाए है ताकि हादसे नहीं हो। Q. लेकिन हादसे तो सर्विस रोड की क्रॉसिंग से हो रहे है। जो पूरी नहीं बनी है। आरओबी के साथ रोड का कट पूरा हो रहा है ? A. अगर आगे सर्विस रोड के लिए जगह है तो थोड़ी लंबाई बढ़ाने के लिए प्रस्ताव भेजेंगे।