सोप थाना क्षेत्र में मंगलवार को पिकअप की टक्कर से बूंदी जिले के दो चचेरे भाईयों की मौके पर ही मौत हो गई। इसी के साथ शादी की खुशियां मातम में बदल गई। दरअसल मृतकों में से एक के बेटे की बुधवार को शादी है। आज उसका मंडप था। वहीं दूसरे मृतक मेघसिंह के दो भतीजों की आज शादी है और बारात गंगापुर जानी थी। ऐसे में आज सुबह दूल्हे का पिता और दूल्हे का चाचा (चचेरे भाई) इन्द्रगढ़ (बूंदी) बाइक से सब्जी लेने जा रहे थे। रास्ते में टोंक जिले के सोप थाना क्षेत्र के पाडल्या चारण गांव के पास पिकअप से बाइक टकरा गई और दोनों बाइक सवार चचेरे भाइयों की मौत हो गई। मृतक के नाम मेघसिंह बंजारा और उसका चचेरा भाई बदलू बंजारा निवासी श्रीपुरा थाना करवर जिला बूंदी है। मृतक बर्तन बैचने का पुश्तैनी काम करते थे। उनके परिजन भी फेरी लगाकर बर्तन बेचते है । ये साधारण परिवार के लोग है । सोप थाने के ASI प्रहलाद ने बताया कि बूंदी जिले के करवर थाना क्षेत्र के श्रीपुरा निवासी मेघ सिंह बंजारा (55) के दो भतीजों की की बुधवार को शादी है। आज मंडप है। वहीं उसके उसके चचेरे भाई बदलू सिंह के इकलौते बेटे सचिन की बुधवार को शादी है। आज मंडप है। ऐसे में दोनों चचेरे भाई मेघसिंह व बदलू मंगलवार सुबह करीब साढ़े छह बजे बाइक से इन्द्रगढ़ कस्बे में सब्जी लेने जा रहे थे। रास्ते में सामने से (कोटा की ओर से) आ रही पिकअप का टायर खुल गया और पिकअप असंतुलित होकर बाइक से टकरा गई। पिकअप तेज गति से होने से बाइक सवार दोनों चचेरे भाइयों की मौके पर ही मौत हो है। इसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को अस्पताल ले गई। जहां उनका पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। उधर हाद्से के बाद पिकअप चालक और अन्य मौके से फरार हो गए। पिकअप में सब्जी भरी हुई थी। वह बिखर गई। वहीं मृतक के घर में शादी की खुशियां मातम में बदल गई। सारे कार्यक्रम फेल हो गए। पुलिस ने दोनों वाहनों को जब्त कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। गमगीन माहौल में फेरे लेने दूल्हे रवाना मृतक बदलू बंजारा के इकलौते पुत्र सचिन की बारात बुधवार को श्योपुर के पास बालोवानी गांव में जानी है, इसी तरह मेघसिंह के भी दो भतीजों की मंगलवार को गंगापुर के पास गढ़ी गांव में बारात जानी थी, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था, घर पर दुल्हनों की जगह मृतकों के शव आए। लेकिन रीति रिवाज़ के अनुसार गांव के कुछ लोग गमगीन माहौल में चाचा मेघसिंह बंजारा की मौत के बावजूद फेरे दिलाने के लिए उसके दो भतीजों को कार से फेरे दिलाने के लिए रवाना हुए।