विधानसभा में शून्य काल में ब्यावर विधायक शंकरसिंह रावत ब्यावर विधान सभा क्षेत्र में चीता-मेहरात एवं काठात समाज को मुस्लिम अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र जारी करने के सम्बन्ध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए। उन्होंने कहा कि जो सदियों से जातियां हिंदू हैं। उनकी पिछली सरकार ने एक व्यक्ति के धर्म बदलने के कारण सारी जातियों को अल्प संख्यक बना दिया। धर्म ही बदल दिया। वे आज भी हिंदू रीति रिवाज से जी रहे हैं। लेकिन उनको अल्प संख्यक का दर्जा पिछली अशोक गहलोत सरकार ने दे दिया। उनको अपना मूल हक दिया जाए। इस पर खाद्य सुरक्षा एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि विधि अनुसार परीक्षण करवाकर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य अल्पसंख्यक आयोग के आदेशानुसार अल्पसंख्यक धर्मानुयायी होने पर शपथ पत्र दिए जाने पर प्रमाण पत्र जारी किया जा सकता है। इससे पूर्व गोदारा ने बताया कि जो प्रकरण संज्ञान में लाया गया है वह पूरे समाज का नहीं बल्कि व्यक्ति विशेष से जुड़ा मामला है। उन्होंने बताया कि पूर्व में वर्ष 2013 से 2015 तक उक्त वर्ग के लोगों को अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र दिया जाता था, जिसे बाद में 2015 से 2021 तक बंद कर दिया गया तथा वर्ष 2022 में फिर से शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि यह पता करवाया जाएगा कि ऐसा क्यों हुआ। गोदारा ने बताया कि अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्तियों को अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र जारी करने के सम्बन्ध में अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग द्वारा 16 दिसम्बर, 2019 को दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं तथा भारत सरकार द्वारा 27 जनवरी, 2014 को अधिसूचना जारी की गई है। यदि कोई आवेदक अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आवेदन करता है तो प्रमुख शासन सचिव, अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार आवश्यक दस्तावेज प्राप्त करने के उपरान्त निस्तारण किया जाता है। भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के क्रम में अल्पसंख्यक मामलात एवं वक्फ विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये हैं, जिनकी पालना में जिला स्तर पर अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र जारी किये जाते हैं।