photo2024 07 2608 41 10 1721963531 7uN6ka

उदयपुर के खान एवं भू विज्ञान विभाग से जुड़े एक लंबित प्रकरण में एक ही दिन में करीब 307 करोड़ रुपए की बकाया पेनल्टी वसूली गई है खान विभाग का दावा है कि अब तक यह राजस्थान का पहला मामला है, जब इतनी बड़ी रकम एक दिन में वसूल कर सरकारी तिजोरी में जमा हुई है। खान एवं भूविज्ञान विभाग के निदेशक भगवतीप्रसाद ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड़ के खनन पट्टे पर अनुमोदन से अतिरिक्त खनन करने के मामले में 4 साल से प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में लंबित था। अतिरिक्त खनन पर विभाग ने नियमानुसार पेनल्टी लगाई थी, लेकिन संबंधित इकाई ने इस पर न्यायालय से स्थगन ले रखा था।
इस मामले में विभाग के अतिरिक्त निदेशक जोन उदयपुर दीपक तंवर को प्रभावी पैरवी की जिम्मेदारी दी थी और कोर्ट से स्थगन हटते ही विभाग ने बकाया पेनल्टी वसूल कर ली। यह था पूरा मामला
तंवर ने बताया कि यह पूरा प्रकरण इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन्स की अनुमोदित खनन योजना के तहत हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड के राजसमंद स्थित खनन पट्टे से जुड़ा है। संबंधित खनन पट्टे से 25 लाख टन उत्पादन का अनुमोदन था, इसके विरूद्ध 29.68 लाख टन का उत्पादन किया गया। नियमानुसार अनुमोदित खनन योजना में अनुमोदन से अधिक खनन करने पर उसे अवैध खनन मानते हुए कॉस्ट ऑफ मिनरल वसूल की जाती है। न्यायालय ने वर्ष 2017 में दिए कॉमन जजमेंट में अनुमोदन से अधिक खनन पर अतिरिक्त खनन की 100 प्रतिशत कॉस्ट पेनल्टी के रूप में वसूल किए जाने के आदेश दिए थे। तंवर ने बताया कि लैड एवं जिंक की कॉस्ट का एसेसमेंट लंदन मेटल एक्सचेंज प्राइज के आधार पर किया जाता है। इकाई द्वारा किए गए कुल अतिरिक्त खनन 4.68 लाख टन का एसेसमेंट करने पर यह राशि लगभग 311.96 करोड़ आंकी गई। हिन्दुस्तान जिंक ने इनमें से 4.98 करोड़ की राशि वर्ष 2020 में जमा कराई गई, लेकिन शेष राशि पर न्यायालय से स्थगन ले लिया था। उन्होंने बताया कि स्थगन हटाने को लेकर सरकार ने प्रकरण को रिवीजन ले रखा था। गुरुवार को न्यायालय में करीब 2 घंटे तक इस विषय पर बहस चली। सरकार की ओर से अधिवक्ता ने सभी तथ्य प्रस्तुत किए। इस पर न्यायालय ने स्थगन हटाने के आदेश दिए। न्यायालय के आदेश के तत्काल बाद विभाग ने संबंधित इकाई पर बकाया पेनल्टी 306.98 करोड़ चार्ज करते हुए उसके खाते से राशि वसूल कर राज कोष में जमा करा दी है।

By

Leave a Reply

You missed