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JEE Advanced 2025 परीक्षा 18 मई को आयोजित की गई थी। इस परीक्षा से जुड़ा एक मामला अब दिल्ली हाईकोर्ट में पहुंच गया है। एक छात्रा सनिध्य सलूजा ने अदालत में याचिका दाखिल की है। छात्रा का कहना है कि परीक्षा केंद्र पर उसे गंभीर तकनीकी परेशानियों और अव्यवस्थित माहौल का सामना करना पड़ा, जिससे वे परीक्षा ठीक से नहीं दे पाई। कम्‍प्‍यूटर स्‍क्रीन में खराबी की शिकायत याचिका में बताया गया है कि पहली शिफ्ट (सुबह 9 से 12 बजे) में कंप्यूटर स्क्रीन लगातार ब्लिंक कर रही थी और उसकी चमक बहुत कम थी। इस वजह से पेपर ठीक से पढ़ा नहीं जा सका। तकनीकी गड़बड़ी की जानकारी देने के बावजूद परीक्षा केंद्र ने इसे ठीक नहीं कराया। छिपकली ने किया सेंटर में परेशान इसके बाद दूसरी शिफ्ट (दोपहर 2:30 से शाम 5:30 बजे) में एक बड़ी छिपकली बार-बार एग्‍जाम सेंटर में आ रही थी और सीट के पास मंडरा रही थी। इनविजिलेटर ने उसे बाहर निकाला लेकिन वह बार-बार लौटती रही। इससे वह पूरे समय घबराई रही जिससे पेपर खराब हो गया। इन हालातों का हवाला देते हुए छात्र ने अदालत से अनुरोध किया है कि उसकी JEE Advanced की परीक्षा को वैध न माना जाए और इसके बजाय उसके JEE Main 2025 के अंकों को मान्यता दी जाए। हाईकोर्ट ने अधिकारियों से मांगा जवाब जस्टिस विकास महाजन ने इस पर संज्ञान लेते हुए IIT कानपुर, NTA और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। अदालत ने सभी पक्षों को यह स्पष्ट करने को कहा है कि JEE Advanced परीक्षा संचालन के नियम क्या हैं। अगर कोई जानकारी गोपनीय हो, तो वह सीलबंद लिफाफे में दाखिल की जा सकती है। कोर्ट को जवाब मिलने के बाद ही कोई फैसला लिया जा सकेगा। —————- ये खबरें भी पढ़ें… यूनिवर्सिटी ने दलित असिस्‍टेंट प्रोफेसर की कुर्सी हटाई: जमीन पर बैठने को मजबूर; 20 साल से बिना पूरे वेतन के पढ़ा रहे बीते दिनों एक तस्‍वीर सोशल मीड‍िया पर वायरल हुई जिसमें एक व्‍यक्‍ति जमीन पर कम्‍प्‍यूटर और फाइलें लगाकर काम कर रहा है। ये शख्‍स आंध्र प्रदेश की SVV यूनिवर्सिटी के असिस्‍टेंट प्रोफेसर डॉ रवि वर्मा हैं। डॉ वर्मा दलित समाज से आते हैं। आरोप है कि यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ने उनकी कुर्सी हटा दी, जिसके विरोध में वे जमीन पर ही बैठकर काम करने लगे। पूरी खबर पढ़ें…

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