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राज्य सरकार की ओर से 10 जुलाई को जारी बजट में ‘स्वैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना’ लागू करने की घोषणा की गई थी। इस योजना में बिना परमिशन वाले एग्रीकल्चर कनेक्शन के बिजली लोड को शामिल किया गया था। इस योजना को हाल ही में लागू कर दिया गया है। यह योजना 31 दिसम्बर, 2024 तक ही मान्य रहेगी। इसके बाद किसी कृषि कनेक्शन पर बढ़े हुए लोड का सत्यापन करवाया जाएगा। आदेश के अनुसार ऐसे कनेक्शन पर फिर कार्यवाही की जाएगी। जारी आदेश में कुछ शर्तों को भी शामिल किया गया है। यह योजना 31 दिसम्बर, 2023 तक जारी कृषि कनेक्शनों पर लागू होगी। इस योजना के अन्तर्गत यदि कृषि उपभोक्ताओं का विद्युत भार बढ़ा हुआ पाया जाएगा तो उनसे कोई पैनल्टी राशि नहीं ली जाकर केवल धरोहर राशि (रू. 60/- प्रति एच.पी. की दर से) जमा करवा कर भार नियमित कर दिया जाएगा। इसके साथ यदि उपभोक्ता अगर इस योजना का लाभ नहीं उठाते हैं। तो इस योजना की अवधि समाप्ति पर चैकिंग के दौरान उनका लोड परमिट भार से अधिक पाये जाने पर ऐसे उपभोक्ताओं से बढ़े हुये भार पर कृषि नीति (आर.ई.ओ.-267) के अनुसार जुर्माना वसूला जाएगा । दो साल पहले तक कटे हुए कनेक्शनों को यदि उपभोक्ता भार वृद्धि के साथ जुड़वाना चाहता है तो वह भी इस योजना का लाभ ले सकता है। इस योजना अवधि में योजना का लाभ उठाने वाले कृषि उपभोक्ताओं के लिये आवश्यक होने पर ट्रांसफार्मर क्षमता वृद्धि व नई 11 के.वी. लाइन और सब स्टेशन का खर्चा निगम की ओर से किया जायेगा। साथ ही ऐसे किसान जो उसी कुएं पर दूसरी मोटर लगाकर लोड बढ़ाते है या दूसरे कुएं पर जो उसी खसरा/खेत/परिसर / मुरब्बा में हो, दूसरी मोटर चलाने के लिये भार बढ़ाते है उन्हें इस योजना का लाभ नही मिल पाएगा।, यदि पहले से दो मोटरें परमिट है और किसान उनके भार में वृद्धि करना चाहता है तो वह इस योजना का लाभ ले सकता है। आदेश के अनुसार इस “स्वैच्छिक भार वृद्धि घोषणा योजना” लागू होने के दौरान यदि किसी उपभोक्ता की बढ़े हुए भार की वी.सी.आर. भरी जा चुकी है तो वह भी उपरोक्त योजना के प्रावधानों के अनुसार नियमित की जाएगी। इस योजना की समाप्ति (31 दिसम्बर, 2024) के बाद लोड सत्यापन के लिये विशेष अभियान चलाया जायेगा।

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