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पहले तो टंकी पर चढ़े दोनों युवकों ने यह शर्त रखी कि नीचे आने पर पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी। नहीं केस दर्ज किया जाएगा। लेकिन उनका यह दबाव बनाना काम नहीं आया। टंकी से नीचे आते ही कोतवाली पुलिस ने दोनों युवकों को बीएनएस की धारा 170 के तहत सार्वजनिक स्थान पर अशांति फैलाने तथा उच्च जलाशय पर चढ़कर स्वयं का जीवन खतरे में डालने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। दोनों को कार्यपालक मजिस्ट्रेट एडीएम की अदालत में पेश किया गया। जहां स्वयं के मुचलके व जमानत पर रिहा कर दिया। उल्लेखनीय है कि भाजपा सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कुछ दिन पहले ही राज्य में छात्र संघ के चुनाव इस बार नहीं करवाने की बात कही थी। इस बात को अब एनएसयूआई मुद्दा बना रही है। जबकि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने भी छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए थे। भास्कर संवाददाता| श्रीगंगानगर प्रदेश के कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर एनएसयूआई के दो पदाधिकारी वकीलों वाली डिग्गी स्थित ओवर हैंड टैंक पर चढ़ गए। एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष हिमांशु िससोदिया व विनयकुमार मेघवाल सुबह 9:30 बजे टंकी पर चढ़ गए। इसकी सूचना कोतवाल पृथ्वीपालसिंह दलबल सहित मौके पर पहुंचे। देखते ही देखते तमाशबीन भी जुट गए।
पार्षद विजेंद्र स्वामी, संजय बिश्नोई, हेमंत रासलानिया, सुशील पप्पू, फहीम हसन, हरेंद्र पांडे, सुभाष खटीक, श्याम शेखावाटी, नवाब खान, राजेश नागर सहित कांग्रेस व एनएसयूआई कार्यकर्ता एकत्रित हो गए। करीब तीन घंटे बाद दो बार की समझाइश के बाद दोनों नीचे उतरे। हालांकि गुरुवार को गर्मी और उमस अधिक होने के कारण टंकी पर चढ़े कार्यकर्ता भी पसीने से हलकान हो रहे थे। प्रदेश सरकार स्तरीय मामला, निर्णय भी वहीं से : एनएसयूआई के छात्र नेताओं के टंकी पर चढ़ने की सूचना पर घटनास्थल पहुंचे पार्षदों तथा पूर्व पार्षदों ने पुलिस तथा छात्रों के बीच समझाइश का सेतु बनाया। एसएचओ ने बताया कि छात्र नेताओं से समझाइश की गई कि इस पर प्रदेश स्तर पर निर्णय होगा। जिला स्तर पर इसमें कोई निर्णय किया नहीं जा सकता। मांग के पत्र राज्य सरकार को भेज दिया जाएगा। इसके बाद दोनों युवकों ने मोबाइल पर अपनी इकाई के नेतृत्व पर बात की। इसके बाद नीचे उतर गए।

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