ऑस्ट्रेलिया से भारत आ रही फ्लाइट में एयर होस्टेस की तबीयत अचानक बिगड़ गई। 30 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रही फ्लाइट में अचानक एयर होस्टेस की तबीयत बिगड़ने के बाद जहां पायलट इमरजेंसी लैंडिंग की तैयारी में थे। वही फ्लाइट में मौजूद जयपुर के डॉक्टर पुनीत रिजवानी ने अपने अनुभव के आधार पर एयर होस्टेस का उपचार कर न सिर्फ उनकी जान बचाई। बल्कि, फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग को भी टाल दिया। मसाज तकनीक से एयर होस्टेस की जान बचाई दरअसल, ऑस्ट्रेलिया से भारत आ रही फ्लाइट में लगभग 30 हजार फीट की ऊंचाई पर एयर होस्टेस को सुप्रा वेंट्रीकुलर टैकीकार्डिया (एसवीटी) का अटैक आया था। जिससे उसकी हालत बिगड़ गई थी। इसके बाद फ्लाइट में बतौर पैसेंजर सफर कर रहे जयपुर के डॉक्टर पुनीत रिझवानी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए बिना इक्विपमेंट और मेडिसिन के कैरोटिड साइनस मसाज तकनीक से इलाज कर एयर होस्टेस की जान बचाई। सांस लेने में हुई थी तकलीफ जयपुर के महात्मा गांधी हॉस्पिटल के मेडिसिन डिपार्टमेंट के हेड डॉ. पुनीत रिझवानी ने बताया कि वह ऑस्ट्रेलिया से भारत लौट रहे थे। तभी वियना से उड़ान भरने के बाद फ्लाइट जब मध्य एशिया की ओर बढ़ रही थी। तभी फ्लाइट में मौजूद 25 साल की एयर होस्टेस को अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके कुछ ही देर में उसकी धड़कन असामान्य रूप से तेज हो गई। जिससे वह घबराकर लड़खड़ाने लगी। फ्लाइट में हुए इस घटनाक्रम को देख पायलट इमरजेंसी लैंडिंग की तैयारी में थे। लेकिन उससे पहले एयर होस्टेस के प्राथमिक उपचार के लिए उन्होंने फ्लाइट में डॉक्टर की अनाउंसमेंट की। इसके बाद मैं तुरंत आगे बढ़ा और बिना किसी उपकरण के नाड़ी और धड़कन जांचकर स्थिति को पहचाना। ऐसे किया ठीक रिझवानी ने बताया कि मैंने एयर होस्टेस को भरोसा दिलाते हुए उसे शांत किया और बिना किसी इक्विपमेंट और मेडिसिन के कैरोटिड साइनस मसाज तकनीक से उनका उपचार किया। जिससे कुछ ही देर में वह ठीक महसूस करने लगी। उन्होंने बताया कि इस तकनीक में जबड़े के नीचे करॉटिड आर्टरी को हल्के दबाव से 10 सेकेंड तक दबाया जाता है। इससे कुछ ही सेकेंड में मरीज की धड़कन सामान्य हो गई और उसने राहत की सांस ली। जिससे न केवल एयर होस्टेस की जान बची। बल्कि, फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग भी टल गई।