सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) ने केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव यासमिन फारुखी का कहना है कि उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष एम.के. फैजी की ईडी द्वारा गिरफ्तारी अलोकतांत्रिक है। एसडीपीआई के अनुसार, केंद्र सरकार यूएपीए, एनएसए और पीएमएलए जैसे कठोर कानूनों का इस्तेमाल कर लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचल रही है। पार्टी का आरोप है कि सरकार विपक्ष और असहमति की आवाज को दबाने के लिए जांच एजेंसियों को हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रही है। पार्टी ने कहा कि वह सरकार की तानाशाही नीतियों और अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ एजेंडे का विरोध करती रही है। एसडीपीआई ने काले वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध किया था। साथ ही बेरोजगारी, महंगाई और बुलडोजर राजनीति के खिलाफ भी आवाज उठाई थी। एसडीपीआई का दावा है कि उनके कार्यालयों और नेताओं पर की गई छापेमारी में ईडी को कोई सबूत नहीं मिला। पार्टी ने फैजी की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे प्रतिशोध की राजनीति करार दिया है। उनका कहना है कि छापे और गिरफ्तारियों से पार्टी का मनोबल नहीं टूटेगा।