पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के कटिहार मंडल में आलुआबाड़ी रोड और पांजीपाड़ा स्टेशनों के बीच ऑटोमैटिक सिग्नलिंग का काम किया जा रहा है। इस काम के लिए रेलवे को संबंधित सेक्शन में ब्लॉक लेना पड़ रहा है, यानी कुछ समय के लिए ट्रेनों का संचालन रोका या बदला जा रहा है। इस तकनीकी काम का असर उत्तर-पश्चिम रेलवे की कुछ ट्रेनों पर भी पड़ रहा है। इन्हीं में से एक है गाड़ी संख्या 19602 न्यूजलपाईगुड़ी-उदयपुर सिटी एक्सप्रेस, जो अब 21 जुलाई को न्यूजलपाईगुड़ी से अपने निर्धारित समय से 3 घंटे 30 मिनट की देरी से रवाना होगी। यह ट्रेन पूर्व भारत से पश्चिम भारत तक कई राज्यों से होकर गुजरती है और चित्तौड़गढ़ जिले में भी इसका ठहराव है। सामान्यतः: यह ट्रेन रात 1 बजे चित्तौड़गढ़ के चंदेरिया रेलवे स्टेशन पर पहुंचती है और 5 मिनट के ठहराव के बाद 1:05 बजे रवाना हो जाती है। लेकिन अब जब ट्रेन न्यूजलपाईगुड़ी से ही देरी से चलेगी, तो चंदेरिया स्टेशन पर इसके आगमन और प्रस्थान का समय भी प्रभावित होगा। इससे चित्तौड़गढ़ के यात्रियों को कुछ असुविधा हो सकती है, खासकर जो यात्री देर रात स्टेशन पहुंचते हैं या सुबह जल्दी अपने गंतव्य पर पहुंचना चाहते हैं। इस देरी के कारण यात्रियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि स्टेशन पर लंबा इंतजार करना, आगे की बस या ट्रेन छूट जाना, रात में यात्रा करने वाली महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को असुरक्षा महसूस होना आदि। जिन यात्रियों की यात्रा समय के अनुसार योजनाबद्ध होती है, उनके काम भी प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, इस अस्थायी परेशानी के पीछे जो काम हो रहा है, वह भविष्य के लिए लाभदायक है। ऑटोमैटिक सिग्नलिंग सिस्टम से रेलवे की सुरक्षा, संचालन गति और समय की पाबंदी में सुधार होगा। इससे ट्रेनें ज्यादा सुचारु रूप से चलेंगी और यात्रियों को भविष्य में बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। चित्तौड़गढ़ जैसे प्रमुख स्टेशनों को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा, जहां से बड़ी संख्या में यात्री लंबे रूट की ट्रेनों से सफर करते हैं। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा से पहले ट्रेन का अपडेटेड समय ज़रूर जांच लें। इसके लिए रेलवे की वेबसाइट, हेल्पलाइन नंबर 139 या नजदीकी स्टेशन से संपर्क किया जा सकता है। यह कार्य थोड़े समय के लिए है, लेकिन इसके परिणाम लंबे समय तक यात्रियों की सुविधा को बेहतर बनाएंगे।