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ऑन स्पॉट बिलिंग:मीटर फॉल्ट; 56 हजार 857 उपभोक्ताओं को जारी किए औसत बिल, 1 साल बाद नहीं बदले

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डिस्काॅम की जनवरी से शुरू ऑन स्पाॅट बिलिंग पिछले तीन माह में औसत 58 प्रतिशत रही। मार्च में अब तक 59.45 प्रतिशत उपभाेक्ताओं के घराें तक ही डिस्काॅम कार्मिक पहुंचे है। बिलिंग में जिले के 3 लाख 69 हजार 201 घरेलू, कृषि व औद्याेगिक उपभाेक्ताओं के घराें तक पहुंचकर बिल जारी करने थे। डिस्काॅम की नई बिलिंग प्रणाली से बंद मीटराें का खुलासा हाेने के साथ डिस्काॅम की कार्यशैली पर सवाल खड़े हाे रहे हैं। अब तक की बिलिंग में जिले के 56 हजार 857 उपभाेक्ताओं के मीटर बंद व जले हुए मिले है। इन सभी उपभाेक्ताओं काे डिस्काॅम लंबे समय से औसत बिल जारी कर रहा है। औसत बिल का पैमाना भी डिस्काॅम पिछले साल के उसी महीने से निकाल रहा है। ऐसे में इन दिनाें घरेलू उपभाेक्ताओं काे 20 से 30 हजार रुपए तक के बिल थमाए जा रहे हैं। उपभोक्ता मीटर बदलने तथा वास्तविक रीडिंग की गुहार लगा रहे है। डिस्काॅम की तीन महीने की बिलिंग में 3 लाख 88 हजार 32 घरेलू सिंगल फेज उपभाेक्ताओं में से 58% की ही बिलिंग हुई। इनमें से 44 हजार 522 उपभाेक्ताओं के मीटर बंद व जले हुए मिले है। बाड़मेर डिविजन के 2 लाख 48 हजार 75 उपभाेक्ताओं में हुई 56.97% बिलिंग में 26 हजार 386 उपभाेक्ताओं के मीटर खराब निकले यानि औसत बिलिंग की गई। सबसे अधिक शहर द्वितीय सब डिविजन में 7330 मीटर बंद मिले है। गुड़ामालानी के एक लाख 39 हजार 57 घरेलू उपभाेक्ताओं में 64% बिलिंग में 18 हजार 136 उपभाेक्ताओं के मीटर खराब निकले। जिले में 8429 उपभाेक्ताओं के मीटर एक साल से अधिक समय से बंद है, लेकिन डिस्काॅम की ओर से अब तक इन्हें बदला नहीं गया। डिस्काॅम की ओर से जिले में 51 हजार 698 कृषि उपभाेक्ताओं काे थ्री फेज कनेक्शन जारी किए गए है। इनमें से 11 हजार 378 किसानाें के मीटर खराब हाेने की स्थिति में सीजनल बिल थमाए जा रहे हैं। जिले में डिस्काॅम ने थ्री फेज के 60 हजार 369 कनेक्शन जारी किए गए है। थ्री फेज के अन्य औद्याेगिक 8 हजार 671 उपभाेक्ताओं में से 957 के मीटर बंद हाेने पर बदलने के स्थान पर औसत बिल दिए जा रहे हैं। 1646 थ्री फेज मीटर एक साल से अधिक समय से खराब है। मार्च तक 100 फीसदी लक्ष्य पूरा किया जाएगा “ऑन स्पाॅट बिलिंग में कर्मचारी बहुत कम है। मार्च तक 100 टारगेट पूरे करने के प्रयास जारी है। दूरस्थ स्थानाें पर पहुंचने में कार्मिकाें काे कठिनाइयाें का सामना करना पड़ रहा है। खराब व जले मीटर बदले जा रहे हैं। औसत रीडिंग से बिल दिए जा रहे हैं। स्टाेर में डिमांड के अनुसार मीटर उपलब्ध है। – अशाेक मीणा, एसई, डिस्काॅम

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