देश के आईआईटी-एनआईटी एवं ट्रिपलआईटी की जोसा काउंसलिंग होने के बाद अब स्टूडेंट्स अपने आवंटित कॉलेजों में प्रवेश के लिए फाइनल एडमिशन प्रक्रिया पूरी करते दिखाई दे रहे है। जोसा काउंसलिंग के पांचवे राउंड में स्टूडेंट्स को आवंटित आईआईटी, एनआईटी में फाइनल प्रवेश के लिए अलग-अलग तरीके से ऑनलाइन रिपोर्टिंग कर रहे है। एजुकेशन एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया की देश की 23 आईआईटी की कुल 17760 सीटों के लिए इस वर्ष भी जोसा की ओर से ज्वाइंट काउंसलिंग करवाई गई। काउंसलिंग के पांचों राउंड समाप्त होने के बाद जारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष भी स्टूडेंट्स में कम्प्यूटर साइंस ब्रांच का क्रेज बरकरार है। टॉपर्स की पहली च्वाइस के रूप में शीर्ष आईआईटी की कम्प्यूटर साइंस ब्रांच ही रही। इस वर्ष टॉप 9 आईआईटी ने कम्प्यूटर साइंस ब्रांच की ओपन से जेंडर न्यूट्रल पूल से क्लोजिंग एआईआर 1071 रही, जिसमें सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली ब्रांच आईआईटी मुम्बई कम्प्यूटर साइंस रही। इसकी सभी सीटें अखिल भारतीय स्तर पर ओपन से टॉप 68 रैंक तक रहने वाले स्टूडेंट्स द्वारा प्रवेश लेकर भर दी गई। वहीं दूसरे नम्बर पर आईआईटी दिल्ली रही, जिसमें टॉप 116 रैंक तक आने वाले स्टूडेंट्स ने प्रवेश लिया। तीसरे नम्बर पर आईआईटी मद्रास में टॉप 159 आईआईटी कानपुर में 252,आईआईटी खडगपुर में 415 तथा आईआईटी रूडकी में 481,आईआईटी गुवाहाटी में 623,आईआईटी हैदराबाद में 656 एवं आईआईटी बीएचयू वाराणसी में सीएस ब्रांच में टॉप 1071 रैंक तक के स्टूडेंट्स ने प्रवेश लिया। कम्प्यूटर सांइंस की क्यों है भारी डिमांड
एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि स्टूडेंट्स द्वारा कम्प्यूटर साइंस ब्रांच का चयन करने का प्रमुख कारण सीएस के बढ़ते स्कोप के साथ-साथ बड़े पैकेज पर अच्छी कंपनियों में नौकरियों का मिल जाना है। साथ ही इस ब्रांच द्वारा स्टूडेंट्स भविष्य में आगे की पढ़ाई के लिए भी देश-विदेश में अच्छे विकल्पों को चुन लेते हैं। विदेशी श्रेष्ठ संस्थानों द्वारा भी सीएस के स्टूडेंट्स को चयन में प्राथमिकता मिल जाती है। स्टूडेंट्स कम्प्यूटर साइंस ब्रांच के साथ वेब डवलपर, सॉफ्टवेयर टेस्टिंग, डाटाबेस एनालिस्ट, बिजनस एनालिस्ट, सिस्टम डिजाइनर एवं नेटवर्किंग इंजीनियर आदि क्षेत्रों में अपना कॅरियर बना रहे हैं।
