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कच्ची बस्ती को पुनर्वास की प्रक्रिया में जमीन घोटाला:सर्वे नंबर में हेरफेर कर निगम की जमीन के निगम से ही पट्टे उठाए, 35 में 10 की रजिस्ट्री भी करवा ली

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हेरिटेज निगम में पुनर्वास के नाम पर बड़ा जमीनी घोटाला सामने आया है। भूमाफियों ने निगम अधिकारी-कर्मचारियों के साथ मिलकर निगम की ही जमीन हथिया ली और फर्जीवाड़ा कर पट्टे जारी कर लिए। इस पूरे घोटाले में अधिकारियों ने भी पट्टों पर आंखें मूंदकर पट्टों पर साइन कर दिए। मामला नेहरू नगर स्थित 35 प्लॉटों की करीब 10 हजार वर्ग गज जमीन का है। जिसकी बाजार कीमत करीब 100 करोड़ रुपए है। यहां पहले लोग भूखंडों पर वाहनों की पार्किंग बनाते हैं, फिर मौका पाकर बाउंड्रीवॉल कर लेते हैं और फिर पुनर्वास के नाम पर सर्वे नंबर में इन भूखंडों को दर्शा कर निगम से पट्टा जारी करवा रहे हैं। भू-माफियाओं ने अब तक 35 में 10 भूखंडों के निगम से पट्टे बनवाकर रजिस्ट्रार से रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया। तीन वर्ष पहले तक निगम का था कब्जा वर्ष 2022 में हेरिटेज निगम ने 35 भूखंडों पर बोर्ड लगाए। निगम ने खुद की संपत्ति बताते हुए प्लॉटों के नंबर सहित प्रमुख समाचार पत्रों में सूचना भी प्रकाशित की थी। भूमाफियाओं के कब्जा करने के मामले की स्थानीय लोग हेरिटेज निगम, कलेक्ट्रेट, स्वायत्त शासन विभाग को कई बार शिकायतें दे चुके, फिर भी कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। कुछ भूखंडों पर आज भी निगम के बोर्ड लगे हैं, लेकिन अधिकतर भूखंडों पर बाउंड्रीवॉल बनाकर कब्जा कर लिया गया है। कब्जा करने के लिए रातों-रात बोर्ड गायब कर बाउंड्री वाल बना देते हैं। कानूनी विशेषज्ञ बोले-मामला शहरी भूमि प्रबंधन से जुड़ा, सरकार अपना कब्जा ले इसलिए महत्वपूर्ण हाईकोर्ट में एडवोकेट अभिषेक पाराशर का कहना है कि यह मामला शहरी भूमि प्रबंधन और सरकारी संपत्ति की रक्षा से जुड़ा है। अगर समय रहते प्रशासन कदम नहीं उठाए, तो जनता और सरकारी खजाने दोनों का नुकसान है। निगम हेरिटेज को पुरानी रिपोर्ट और बुकलेट के आधार पर खाली भूखंडों की स्थिति की जांच कर संपत्ति को अपने कब्जे में ली जानी चाहिए। विधानसभा में उठा मामला खातेदारों ने जमीन सरकार को सरेंडर कर दी थी। इसके बदले में सरकार ने 103 परिवारों को पट्टे जारी किए थे। तब पट्टे जारी करने में हुए भ्रष्टाचार के कारण मामला रेवेन्यू बोर्ड में चला गया। इस पर मामला विधानसभा में उठा तब सूद आयोग का गठन कर मामले की जांच की गई थी। “कुछ भूखंडो के पट्टे काेर्ट के आदेश पर जारी किए थे।” -हंसा मीणा, उपायुक्त भू-नीलामी एंव लैंड बैंक निगम हेरिटेज

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