हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल हजरत गट्टे वाले बाबा की मजार पर मंगलवार देर रात तक कव्वालियों व भजन संध्या की रसधारा बहती रही। इस अवसर पर बाबा के दरबार में लाइटों की खूबसूरत रोशनी की गई। बाबा के उर्स में देश-प्रदेश से पधारे साधु संत पीर फकीर व जायरीन भी मेले में शामिल रहे। बाबा के उर्स में पधारे पूर्व कलेक्टर जाकिर खान, हज कमेटी मेंबर हकीम खान, समाजसेवी लक्ष्मी नारायण कोठोत्या, ठेकेदार नवरतन, धीरज टकसाली व दरगाह सज्जादा नशीन वसीम रजा ने पौधारोपण कर सभी को पौधारोपण के लिए प्रेरित किया। बाबा के उर्स में शहर की कई जानी-मानी कव्वाल पार्टियों ने शिरकत की। प्रोग्राम की शुरुआत जयपुर अख्तर जीआई ने की कव्वालों द्वारा पढ़े गए कलाम ने सूफियाना समां बांधे रखा। उर्स का आखिरी दिन है। इस अवसर पर दरगाह में संधल पेश किया जाएगा। जायरीनों (श्रद्धालुओं) द्वारा बाबा के जुलूस के साथ लाई गई चादर पेश की जाएगी, उसके बाद रंग पढ़ा जाएगा, कुल का छींटा होगा। उसके बाद सबको लंगर पंगत प्रसादी वितरण की जाएगी।