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कस्टमर के कलेक्शन का पैसा ऑनलाइन गेमिंग में डुबोया:लूट की झूठी कहानी रची, CCTV में न कार, न लुटेरे दिखे; चार महीने में 5 लाख हारा

32 साल के कलेक्शन एजेंट ने ऑनलाइन गेमिंग की लत के चलते 3 लाख से ज्यादा रकम की लूट की झूठी कहानी रची थी। वह जब भी पैसे लगाता खुद से वादा करता कि इस बात जीत कर सारे कलेक्शन के रुपए चुका दूंगा। इस बार उसने बड़ा गबन किया और ऑनलाइन बेटिंग में हार गया। इसके बाद उसने अपने साथ लूट की कहानी रची। जांच करते हुए पुलिस ने CCTV खंगाले तो कलेक्शन एजेंट का भेद खुल गया। लूट की जगह पर न तो कोई कार वहां नजर आई न लुटेरे। कलेक्शन एजेंट 2 बार वहां से अकेला ही निकलता नजर आया। मामला झुंझुनूं के सूरजगढ़ थाना इलाका का है। पहले समझिए घटना की टाइमलाइन SP बोले- लूट की कहानी झूठ कार्यवाहक एसपी देवेंद्र राजावत ने बताया- झुंझुनूं जिले के चिड़ावा कस्बे में हिंदुजा लेलैंड फाइनेंस की शाखा के कलेक्शन एजेंट ने 16 जून को सूरजगढ़ थाने में लूट का मामला दर्ज कराया। रिपोर्ट में बताया- मैं 16 जून की दोपहर 3:10 बजे पांच रसीदों का कुल 3 लाख 6 हजार 270 रुपए लेकर पिलानी स्थित एयरटेल पेमेंट बैंक में जमा करवाने जा रहा था। जीणी गांव के पास एक सफेद बिना नंबर की स्विफ्ट कार ने ओवरटेक कर रोका। कार से चार लोग उतरे, जिनमें से एक के हाथ में पिस्तौल थी। उन्होंने उसे डरा-धमकाकर सारा पैसा लूट लिया और फरार हो गए। संदीप ने सूरजगढ़ थाने में लूट का मामला दर्ज करा दिया। लूट की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस हुई एक्टिव संदीप की रिपोर्ट पर पुलिस तत्काल हरकत में आई। सूरजगढ़ थाना इंचार्ज हेमराज मीणा के नेतृत्व में एक पुलिस टीम और AGTF (एंटी गैंग टास्क फोर्स) का गठन किया गया। घटनास्थल का गहन निरीक्षण किया गया। आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। लेकिन बताए गए लूट के वक्त के दौरान कोई सफेद रंग की कार सीसीटीवी में नहीं दिखी। न ही संदिग्ध लुटेरों की आवाजाही नजर आई। सीसीटीवी में संदीप अकेला ही बाइक से आता-जाता दिखा। पुलिस को संदीप पर ही शक हुआ। उसे हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ हुई। उसने कबूल कर लिया कि वारदात नहीं हुई, खुद ही कहानी गढ़ी। इस कबूलनामे के बाद चूरू के डिगली गांव के निवासी संदीप कुमार को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया गया। वह हिंदुजा लेलैंड फाइनेंस की शाखा में पिछले 7 साल से कलेक्शन एजेंट के तौर पर कार्यरत था। क्यों रची लूट की झूठी कहानी कार्यवाहक एसपी देवेंद्र राजावत ने बताया- संदीप को कुछ महीने पहले ऑनलाइन गेम की लत लगी। इसी के चलते वह कंपनी में गबन कर रहा था। महज 4 महीने में उसने 5 लाख का गबन कर दिया था। इसके बाद 3 लाख की लूट की कहानी गढ़ दी। इस तरह कंपनी के 8 लाख रुपए का हेरफेर किया। गेम खेलते हुए मोटी रकम जीतने की उम्मीद में अपनी सैलरी के साथ-साथ ग्राहकों से वसूली गई किस्तों के पैसे भी ऑनलाइन गेम में झोंकने लगा। शुरुआत में छोटी राशि से गेम खेलना शुरू किया। फायदा हुआ तो लालच बढ़ता गया। इसके बाद उसने कंपनी की वसूली से प्राप्त बड़ी-बड़ी किस्तों को भी ऑनलाइन गेम में लगाना शुरू कर दिया। वह हर बार यह सोचकर पैसा लगाता था कि इस बार जीतूंगा तो सब भर दूंगा, लेकिन वह रकम हारता चला गया। जब कंपनी की ओर से रसीदों की मांग हुई और हिसाब का दबाव बढ़ा तो उसने फर्जी लूट का साजिश रची। पहले भी करता रहा है गबन, रकम भरने के कारण नहीं पकड़ा गया कार्यवाहक एसपी देवेंद्र राजावत ने बताया- जांच में यह भी सामने आया कि संदीप ने पहले भी कंपनी की रकम का इस्तेमाल ऑनलाइन गेम के लिए किया था। लेकिन हर बार वह पैसा भर दिया करता था। इसलिए मामला संभल जाता था। सूरजगढ़ पुलिस और AGTF की सतर्कता ने फर्जी लूट कांड का पर्दाफाश किया। आरोपी से पीसी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है। गबन की राशि और बाइक बरामद कर ली गई है। ऑनलाइन गेम्स की लत से बचें…

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