भारतीय जनता पार्टी ने 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की बरसी को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया। झुंझुनूं में पीरू सिंह सर्किल स्थित एक निजी रेस्टोरेंट में आयोजित संगोष्ठी में भाजपा नेताओं ने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला अध्याय बताया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर मंडल अध्यक्ष कमल कांत शर्मा ने की, जबकि भाजपा जिलाध्यक्ष हर्षिणी कुलहरी मुख्य अतिथि रहीं। इस अवसर पर भाजपा नेताओं ने आपातकाल के दौरान नागरिकों के मौलिक अधिकारों के हनन, प्रेस पर सेंसरशिप और राजनीतिक विरोधियों की गिरफ्तारी जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह भारतीय संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों पर सीधा हमला था, जिसे इंदिरा गांधी ने अपनी सत्ता बचाए रखने के लिए अंजाम दिया था। विशिष्ट अतिथि उपस्थित के रूप में भाजपा पूर्व जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया, भाजपा नेता बबलू चौधरी, जिला महामंत्री सरजीत चौधरी, जिला उपाध्यक्ष राकेश शर्मा, जिला मंत्री मंजू सैनी, महावीर ढाका, और पूर्व प्रधान कैलाश मेघवाल शामिल थे। वक्ताओं ने आपातकाल को ‘संविधान हत्या दिवस’ बताया भाजपा जिलाध्यक्ष हर्षिणी कुलहरी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत के लोग आपातकाल के दिन को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आपातकाल लोकतांत्रिक इतिहास के सबसे काले अध्यायों में से एक था, जिसमें देश के प्रत्येक नागरिक और पत्रकारों की स्वतंत्रता को भी जंजीरों में बांधने का काम किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि आपातकाल इंदिरा गांधी द्वारा अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए लगाया गया था, जिसके दौरान नागरिकों के मौलिक अधिकार निलंबित कर दिए गए थे, प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई थी, और राजनीतिक विरोधियों को गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने इसे स्वतंत्र भारत के इतिहास का सबसे विवादास्पद समय बताया। ‘मेरे पिता भी 19 महीने जेल में रहे’ – बबलू चौधरी भाजपा नेता निशित बबलू चौधरी ने आपातकाल के दिनों को याद करते हुए बताया कि 5 जून की रात से ही देश में विपक्ष के नेताओं की गिरफ्तारियां शुरू हो गई थीं। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, और जयप्रकाश नारायण जैसे बड़े नेताओं को जेल भेज दिया गया था। चौधरी ने भावुक होते हुए कहा कि “मेरे पिता भी 19 महीने जेल में रहे।उन्होंने कांग्रेस के द्वारा दी गई अनेक प्रताड़नाएं सही। लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा हमारा कर्तव्य – पवन मावंडिया पूर्व जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया ने कहा कि भारत के लोकतांत्रिक ढांचे की रक्षा करना और उन आदर्शों को बनाए रखना, जिनके लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, हमारा कर्तव्य है। उन्होंने बताया कि यह तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ सामूहिक संघर्ष ही था, जिसके चलते उन्हें लोकतंत्र बहाल करना पड़ा और नए चुनाव कराने पड़े, जिसमें वे बुरी तरह हार गए। अन्य वक्ता और सम्मान समारोह कार्यक्रम में भाजपा जिला महामंत्री सरजीत चौधरी, जिला उपाध्यक्ष राकेश शर्मा, और कार्यक्रम के जिला सह-संयोजक संजय मोरवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर आपातकाल की पीड़ा के प्रत्यक्षदर्शी और मीसा बंदियों के सहयोग में उपस्थित रहे एडवोकेट हनुमान सिंह महला का अतिथियों द्वारा दुपट्टा पहनाकर स्वागत भी किया गया।कार्यक्रम के अंत में, नगर महामंत्री रवि लांबा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्यक्रम में पूर्व जिला महामंत्री राजेश बाबल, सोशियल मीडिया जिला संयोजक चंद्र प्रकाश शुक्ला, आईटी जिला संयोजक सौरभ सोनी, ग्रामीण मंडल अध्यक्ष भादरमल स्वामी, नगर महामंत्री विजेंद्र हटवाल, दलीप सैनी, नगर उपाध्यक्ष रामनिवास सैनी, विकास पुरोहित, ताराचंद सैनी, भंवरी शेखावत, कोषाध्यक्ष सीए लोकेश अग्रवाल, नगर मंत्री सुशील सिकलीगर, मुरारी सैनी, गोपाल सिंह शेखावत, पंचायत समिति सदस्य दिनेश सैनी कायस्थपुरा, श्री राम सैनी, राजेंद्र ठठेरा, बबलू ठठेरा, मंजू चौहान, ममता शर्मा, सुधा पंवार, सावित्री सैनी, अरुणा सिहाग, विमला चौधरी, युवा मोर्चा अध्यक्ष मोंटी गजराज, अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष खलील सिलावट, ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष दीपक स्वामी, एडवोकेट हनुमान सिंह महला, ख्यालीराम कुमावत, सुमेर कड़वासरा, उमाशंकर महमिया, महेश बसावटिया, रामचंद्र पाटोदा, अनिल जोशी, महेंद्र सोनी, पार्षद संजय पारीक, अशोक प्रजापति, विनोद जांगिड़, कुलदीप पुनिया, हरिकिशन शुक्ला, जय प्रकाश चौधरी, शिव कुमार जेवरिया, विनोद नायक सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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