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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा:जब पायलट अध्यक्ष थे तब भी संगठन मजबूत था, नहीं होता तो सत्ता में कैसे आते

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कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने राज्य और केंद्र सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए। पर्यवेक्षकों के साथ बैठक के बाद डोटासरा ने मीडिया से बातचीत में ये आरोप लगाए। उन्होंने केंद्र सरकार पर फोन टेपिंग के आरोप लगाए तो सचिन पायलट के समय कांग्रेस संगठन के मजबूत होने की बात भी कही। मीडिया के सचिन पायलट के समय संगठन की बात पर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में डोटासरा ने कहा- उनके समय संगठन मजबूत था। अगर मजबूत नहीं होता तो कांग्रेस सत्ता में कैसे आती। डोटासरा ने गहलोत के पायलट पर दिए ‘मोहब्बत’ वाले बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि गहलोत 73 साल के हैं और तीन बार मुख्यमंत्री रहे हैं। उनके बयान सोच-समझकर दिए जाते हैं, जिनका खंडन नहीं हो सकता। डोटासरा ने भाजपा सरकार पर फोन टेपिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों के फोन दिल्ली में टेप होते हैं। डोटासरा ने दावा कि ऐसा सीएम खुद मानते हैं, जिसकी जानकारी सीएम से मिलने वालों ने मुझे दी है। विधानसभा पर्यवेक्षकों की बैठक डोटासरा ने सोमवार को कांग्रेस वॉर रूम में जयपुर, उदयपुर एवं कोटा संभाग के विधानसभा क्षेत्रों में नियुक्त समन्वयकों से वन-टू-वन संवाद किया। उन्होंने कहा कि हमने वादा किया था कि 60 दिन में ख़ाली पद भरे जाएंगे। हमने इस काम को तेजी से पूरा करेंगे। कुछ जिलों में लीडर कमजोर हैं, उनको हटाएंगे। खर्रा ने कहा- डोटासरा के बयानों में अहंकार यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर पलटवार किया है। खर्रा ने कहा कि डोटासरा के बयानों में दंभ झलकता है, इतिहास साक्षी है कि अहंकार ना तो रावण का रहा और ना ही कंस का रहा। उन्होंने कहा कि आज संविधान की दुहाई देने वाले कांग्रेस के नेता भूल जाते है कि उन्होंने आजाद भारत का पहला संविधान संशोधन महज एक साल से भी कम अंतराल पर लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज दबाने के लिए किया। इसके बाद तो अनेक उदाहरण भरे पड़े है, जब कांग्रेस ने संविधान को अपने पैरों तले रोंदा था। मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि कांग्रेस राज में तुष्टिकरण और निजी राजनीतिक लाभ के लिए जयपुर, कोटा और जोधपुर को दो भागों में विभाजित किया था, लेकिन भजनलाल सरकार ने जनभावनाओं और जनसंख्या को देखते हुए सैद्धांतिक रूप से हमने इन तीनों ही स्थानों पर एक-एक निकाय के रूप में चुनाव करवाने का निर्णय किया है।

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