जल जीवन मिशन(जेजेएम) घोटाले में कई नोटिस देने के बाद आज कांग्रेस नेता महेश जोशी ईडी मुख्यालय पहुंचे। दोपहर 1 बजे महेश जोशी अपने एक निजी सहायक के साथ ईडी मुख्यालय गए। ईडी के अधिकारी उनसे घोटाले से जुड़े मामले में पूछताछ कर रहे हैं। एजेंसी महेश जोशी को पिछले कई समय से पूछताछ के लिए बुला रही थी, लेकिन महेश जोशी व्यक्तिगत कारणों की वजह से नहीं जा रहे थे। जानकारी के अनुसार, जोशी को कुछ दस्तावेज दिखाए गए हैं, उन दस्तावेजों को लेकर उनसे जवाब मांगा जा रहा है। ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी सर्टिफिकेट से हासिल किए थे टेंडर
जेजेएम घोटाला केंद्र सरकार की हर घर नल पहुंचाने वाली ‘जल जीवन मिशन योजना’ से जुड़ा है। साल 2021 में श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के ठेकेदार पदमचंद जैन और महेश मित्तल ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र दिखाकर जलदाय विभाग (PHED) से करोड़ों रुपए के 4 टेंडर हासिल किए थे। श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी कार्य प्रमाण पत्रों से पीएचईडी की 68 निविदाओं में भाग लिया था। उनमें से 31 टेंडर में एल-1 के रूप में 859.2 करोड़ के टेंडर हासिल किए थे। वहीं, श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 निविदाओं में भाग लिया और 73 निविदाओं में एल -1 के रूप में भाग लेकर 120.25 करोड़ के टेंडर हासिल किए थे। घोटाले का खुलासा होने पर एसीबी ने जांच शुरू की। कई भ्रष्ट अधिकारियों को दबोचा। फिर ईडी ने केस दर्ज कर महेश जोशी और उनके सहयोगी संजय बड़ाया सहित अन्य के ठिकानों पर दबिश दी। इसके बाद सीबीआई ने 3 मई 2024 को केस दर्ज किया। ईडी ने अपनी जांच पूरी कर 4 मई को सबूत और दस्तावेज एसीबी को सौंप दिए थे। मिशन में पैसे खर्च करने में राजस्थान दूसरे स्थान पर ——- ये भी पढ़ें… 900 करोड़ का घोटाला, तय था नेताओं-अधिकारियों का कमीशन:पूर्व मंत्री महेश जोशी को लेकर इंजीनियर ने खोले राज; दिल्ली तक सेटिंग हुई नाकाम राजस्थान में करीब 900 करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले में एसीबी ने पूर्व मंत्री महेश जोशी सहित 22 अफसरों को आरोपी बनाया है। इनके खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जल्द ही पूछताछ के लिए कुछ गिरफ्तारियां हो सकती हैं। (पूरी खबर पढ़ें)
