उदयपुर शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर कानपुर गांव को नगर निगम उदयपुर की सीमा में शामिल करने की अधिसूचना को लेकर ग्रामीणों ने विरोध जताया है। गांव वालों ने कह दिया कि यह आदेश वापस लिया जाए। इसके साथ ही सोमवार को इस विरोध में कानपुर के बाजार और गांव को बंद रखने का निर्णय किया गया है। साथ ही चेतावनी दी गई कि मांगे नहीं मानी तो जयपुर में सीएम से ग्रामीण मिलने जाएंगे। शुक्रवार देर रात को गांव के मुख्य चौक हाटा लक्ष्मी नारायण मंदिर पर सर्व समाज की बैठक हुई। इसमें सर्व समाज के लोग, प्रबुद्धजन, युवाओं ओर व्यापारियों ने शामिल होकर आक्रोश जताया। बैठक में गांव के प्रमुखजनों ने अपनी बात रखी। सदस्यों ने कहा कि कानपुर की भौगोलिक सांस्कृतिक, वनस्पति और पारिस्थितिक विकास की विरासत को बचाने के लिए विरोध स्वरूप आपत्तियों पर अधिसूचना जारी होने के बाद आपत्तियां दर्ज करवा चुके है। इसके अलावा इसके विरोध में विरोध-प्रदर्शन कर ज्ञापन भी देकर अवगत कराया लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं की गई। सर्वसम्मति से निर्णय किया गया सोमवार को कानपुर गांव में बंद रखा जाएगा। व्यापारियों ने भी बाजार बंद को समर्थन दिया है। ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से निर्णय करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में सोमवार को जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा। बैठक में सर्व समाज में पूर्व उप सरपंच मदनलाल डांगी, पूर्व उप सरपंच नारायण लाल डांगी, पूर्व उप सरपंच सुरेश शेरावत, लोकेश पटेल, समाजसेवी शांतिलाल डांगी, भैरुलाल डांगी, गणेश लाल मेनारिया, ओंकार लाल मेनारिया, किशन वागावत, पूर्व वार्ड पंच पन्नालाल मेघवाल, समाजसेवी डालचंद मेघवाल, महेंद्र जैन, गुंजन सुथार आदि ने संबोधित किया। कानपुर के पूर्व उप सरपंच मदनलाल डांगी ने बताया कि कानपुर खेड़ा, खरबड़िया, कलड़वास, पाराखेत, भोइयों की पंचोली, मटून, गोवला, जिंक सहित 12 गांव की जनता एकजुट होकर बड़ा आंदोलन करेगी। उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर उनकी बात नहीं मानी जाती है तो सब ग्रामीण जयपुर जाकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिलेंगे।