हनुमानगढ़ में किसानों का आक्रोश शनिवार को सड़कों पर उतर आया। अखिल भारतीय किसान सभा ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना के प्रथम चरण के किसानों को दो बारी सिंचाई के लिए पानी की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट के सामने मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया। किसान सभा के तहसील संयोजक सुरेन्द्र शर्मा ने बताया कि वर्तमान में बढ़ते तापमान और कम मावठ के कारण गेहूं की फसल खतरे में है। उन्होंने कहा कि किसानों को अभी एक बारी और 15 दिन बाद दूसरी बारी पानी की आवश्यकता है, जिससे 10 मार्च तक सिंचाई की जा सके और 13 अप्रैल तक फसल पक सके। रावला-घड़साना और लूणकरणसर में किसान पहले से ही चक्काजाम कर आंदोलन कर रहे हैं। किसान नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो हनुमानगढ़ में भी आंदोलन तेज किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में हमेशा पानी की समस्या रही है। 2004 में हुए आंदोलन में कई किसानों की शहादत के बाद ही पानी मिला था। किसान सभा ने घोषणा की है कि वे रविवार से गांव-गांव जाकर जनसमर्थन जुटाएंगे और मसीतांवाली हैड पर चक्काजाम करेंगे। चाइया की धरती से आंदोलन का विस्तार किया जाएगा। प्रदर्शन में रघुवीर सिंह, वेद मक्कासर, मोहन लोहरा, लालचंद, बीएस पेंटर, रिछपाल सिंह, शिव प्रधान और अफसर अली सहित कई किसान नेता मौजूद रहे।
किसानों ने दी आंदोलन तेज करने की चेतावनी:दो बारी पानी की मांग, कलेक्ट्रेट के सामने सीएम का पुतला फूंका
