राजसमंद ज़िले के कुंभलगढ़ वन्य अभयारण्य की बोखाड़ा रेंज में लगी भीषण आग अब फैलकर मारवाड़ सीमा अभयारण्य की सादड़ी रेंज तक पहुंच चुकी है। यह आग पर्वतमालाओं में भारी तबाही मचा रही है, जिससे वन्यजीवों और अमूल्य वनसंपदा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। राजसमंद के उप वन संरक्षक कस्तूरी प्रशांत सुले और सहायक वन संरक्षक प्रमोदसिंह नरुका के नेतृत्व में आग पर नियंत्रण पाने के प्रयास जारी हैं। सोमवार देर रात तक पर्वतीय क्षेत्रों से आग की लपटें साफ नजर आ रही थीं। सूखी घास और लेन्टाना झाड़ियों ने आग की तीव्रता को और बढ़ा दिया है। आग का प्रभाव अब मेवाड़ के सायरा सामाजिक वानिकी अरण्य, सेजिया महादेव जोड़, और मालगढ़ क्षेत्र से होता हुआ मारवाड़ सीमा के लाटाडा, पीपला और राणकपुर सूर्य मंदिर तक फैल चुका है। यहां तक कि नलवानिया बांध के निकट स्थित एक निजी रिसॉर्ट की पहाड़ियों में भी आग की लपटें देखी गईं। सादड़ी रेंज के क्षेत्रीय वन अधिकारी जितेन्द्रसिंह शेखावत के अनुसार, आग पर नियंत्रण के लिए दो दल गठित किए गए हैं। इन दलों में वनकर्मियों के साथ ईडीसी सदस्य और 25-30 श्रमिक भी शामिल हैं। देर शाम तक कुछ क्षेत्रों में आग पर काबू पा लिया गया, हालांकि कुछ जगहों पर अब भी पुराने पेड़ों के ठूंठ और गिरी हुई टहनियों से धुआं उठ रहा है। संसाधनों की कमी के चलते वनकर्मी हरी डालियों से झाड़-झाड़कर आग को बुझाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रशासन और वन विभाग की ओर से आग पर पूरी तरह नियंत्रण पाने के लिए रात्रिकालीन निगरानी और अतिरिक्त बलों की व्यवस्था भी की जा रही है।