जालोर में पहली बार बड़ा सामाजिक बदलाव आ रहा है। वह है हर सामाजिक कार्यक्रम में सरेआम होने वाली अफीम की मनुहार का बंद होने का। बदलाव की वजह है पुलिस की सख्ती और लोगों का स्वप्रेरणा। शादी, गमी से लेकर हर मौके पर बरसों से अनिवार्य बनी रही इस मनुहार के खात्मे के लिए पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी है। अब तक 13 लोगाें को नामजद किया। 323 शादियों में अफीम-डोडा की मनुहार नहीं करने को पाबंद ​किया है। आयोजनों में सादी वर्दी में पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। कई जगह पर सख्ती के बाद केतली में चाय बताकर परोसना शुरू किया, लेकिन एक वीडियो वायरल होने के बाद यह तरीका भी बंद करना पड़ा। एसपी ज्ञानचंद्र यादव 15 जगहों पर 10 हजार और थाना स्तर पर 2 लाख से अधिक लोगों को शपथ दिलवा चुके हैं। यह पहल अब जोधपुर रेंज के सभी जिलों में भी शुरू होने जा रही है। संत भी आगे आ रहे- परंपरा के लिए सामाजिक दबाव में मेजबान को 1 से 3 लाख रुपए अफीम की मनुहार पर खर्च करने पड़ते हैं। अब मेजबान भी खुद पुलिस को सूचना दे रहे हैं। देवासी, कलबी चौधरी, रावणा राजपूत, मेघवाल, विश्नोई, पुरोहित, सुथार, लुहार व मुस्लिम सहित कई समाज, सामाजिक संगठन, साधु-संत एसपी को पत्र लिखकर समर्थन का पत्र दे चुके हैं। अब तक यहां की कार्रवाई पुलिस ने जालोर में 3, बागरा में 51, सायला में 26, बिशनगढ़ में 46, आहोर में 24, भाद्राजून में 8, भीनमाल में 10, रानीवाड़ा में 32, रामसीन में 12, बागोड़ा में 4, सांचौर में 8, करड़ा में 7, जसवंतपुरा में 26, चितलवाना में 30 और झाब में 31 आयोजनों में पाबंद किया। 2 आयोजनों में मनुहार के वीडियो वायरल होने के बाद मामले दर्ज किए।

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