केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के संघ और भाजपा नेताओं पर दिए गए बयान को लेकर तीखा पलटवार किया है। झुंझुनूं में ‘संविधान हत्या दिवस’ कार्यक्रम में शामिल हुए शेखावत ने कांग्रेस और विशेषकर गहलोत पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रत्यक्ष रूप से संविधान की हत्या की, मौलिक अधिकारों का हनन किया और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचलने का प्रयास किया, और अब वे लोकतंत्र और संविधान बचाने की बात कर रहे हैं। गहलोत पर ‘अप्रासंगिक’ होने का आरोप शेखावत ने अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि दो बार मुख्यमंत्री रहने के बावजूद इस बार पार्टी ने उन्हें पूरी तरह दरकिनार कर दिया है, और अब वे खुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए निराधार और भ्रामक बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने गहलोत को उस दौर की मानसिकता से ग्रसित बताया जब सत्ता की लालसा में सरकारों को होटल में बंद कर दिया जाता था और विधायकों को बाड़ेबंदी में रखा जाता था। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा लोकतांत्रिक परंपराओं में विश्वास रखती है और ऐसा कुछ नहीं करती। आपातकाल: लोकतंत्र का ‘काला अध्याय’ शेखावत ने 25 जून 1975 को घोषित आपातकाल को देश के लोकतंत्र पर एक काला धब्बा बताया। उन्होंने कहा कि एक प्रधानमंत्री ने अपनी सत्ता बचाने के लिए संविधान का गला घोंट दिया, रातों-रात लोकतंत्र, न्यायपालिका, प्रेस और जनता की आजादी छीन ली गई। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे हजारों नेताओं को जेल में डाला गया, न्यायपालिका को झुकाया गया और प्रेस की स्वतंत्रता छीनी गई। शेखावत ने आपातकाल के दौरान हुई जबरन नसबंदी का भी जिक्र किया, जिसे उन्होंने ‘दमन की नीति’ और लोकतंत्र पर अत्याचार बताया। RSS से जुड़ाव पर गर्व अशोक गहलोत द्वारा भाजपा नेताओं को RSS का कार्यकर्ता बताने पर केंद्रीय मंत्री ने गर्व से कहा कि “हम भाजपा कार्यकर्ता गर्व से कहते हैं कि हम स्वयंसेवक हैं। हमारी विचारधारा राष्ट्रहित की है।” उन्होंने गहलोत के बयानों को ‘बिना तर्क’ का बताया और कहा कि जनता अब उन्हें गंभीरता से नहीं लेती। कार्यक्रम में स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान इस अवसर पर जिले भर से आए स्वतंत्रता सेनानियों और लोकतंत्र रक्षकों का भाजपा द्वारा सम्मान किया गया। शेखावत ने कहा कि ये कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से पूरे देश में आयोजित किए जा रहे हैं ताकि आने वाली पीढ़ियों को बताया जा सके कि कैसे लोकतंत्र को कुचला गया और संविधान की हत्या की गई। उन्होंने कहा कि 1971 की जंग जीतने के बाद कांग्रेस में अहंकार आ गया था और 1975 में गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार और इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध ठहराना, दोनों घटनाएं कांग्रेस के पतन की शुरुआत थीं, जिसके बाद इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर सत्ता की लालसा में किसी भी सीमा को लांघने का प्रमाण दिया। इस कार्यक्रम में नवलगढ़ विधायक विक्रम सिंह जाखल, खेतड़ी विधायक धर्मपाल गुर्जर, झुंझुनूं विधायक राजेंद्र भाम्बू, भाजपा जिला अध्यक्ष हर्षणी कुलहरी सहित कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।