भास्कर न्यूज | बांता सावन माह में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो व्यक्ति सावन माह में प्रतिदिन इन ज्योतिर्लिंगों का नाम जपता है, दर्शन करता है भगवान ऐसे भक्तों के समस्त पाप नष्ट करते हैं। कई लोग ऐसे होते हैं, जो वहां पर जा नहीं पाते हैं। ऐसे में बांता के अनिल ने शिवभक्तों के लिए गांव में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के पार्थिव दर्शन करवाने के उद्देश्य से कैलाश पर्वत सहित उनकी प्रतिकृति तैयार कर दी है। अब बांता के शिवभक्तों को गांव में ही एक साथ बारह ज्योतिर्लिंगों के दर्शन होंगे। शिव भक्त ने 3 साल की मेहनत से गांव के मैन बाजार हनुमानजी मंदिर के प्रांगण में कैलाश पर्वत बनाया। उन्हांेने बताया कि हरेक व्यक्ति की इच्छा होती है कि जीवन में एक बार कैलाश पर्वत पर जाकर बारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन करें। वहां जाकर हिमालय पर्वत और झील के साक्षात दर्शन करें। हर कोई वहां पहुंच नहीं सकता, इसलिए भगवान भोलेनाथ के पवित्र धाम का प्रतिरूप बांता गांव में कैलाश पर्वत बनाया गया है। बांता में अब श्रद्धालु कैलाश पर्वत का नजारा देखें सकेंगे। श्रद्धालु जब दर्शन करने आए तो 12 ज्योतिर्लिंग का दर्शन करने का अहसास एक साथ हो। इसको साकार करने के लिए श्रद्धालुओं के सहयोग से हनुमान मंदिर परिसर में कैलाश पर्वत बनाया गया। यह आठ फीट ऊंचाई व छह फीट चौड़ाई रखकर इसका निर्माण होगा। यहां पर कैलाश पर्वत जैसा नजारा दिखाई देगा। कैलाश पर्वत पर भगवान शिव की प्रतिमा की सिर से जटा में गंगा की धार व झरने, सीमेंट से बने पेड़ों की पत्तियों में से शिव की ज्योतिर्लिंगों का जलाभिषेक होता नजर आएगा। साथ ही अमरनाथ की गुफा में बर्फ जैसा प्रतिरूप शिवलिंग, केदारनाथ सहित 12 ज्योतिर्लिंगों बनाए गए हैं। आज होगी भजन संध्या : सावन महोत्सव के दूसरे सोमवार को बारह ज्योतिर्लिंग की स्थापना पंडितों द्वारा रुद्राभिषेक के साथ प्राण प्रतिष्ठा होगी। इनके अलावा नंदी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी और शाम को भजन संध्या का आयोजन भी होगा।