साइबर क्रिमिनल नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। जोधपुर में ऐप के जरिए कॉफी की वर्चुअल मशीन में इंवेस्टमेंट का झांसा देकर हाईकोर्ट परिसर में करीब 90 लोगों से करोड़ों रुपए ठग लिए गए। कई लोग तो ऐसे हैं, जिन्होंने कम वक्त में ज्यादा रिटर्न के लालच में 8.58 लाख रुपए से ज्यादा गंवा दिए। ठगी के शिकार हुए लोगों में वकील, स्टांप वेंडर, कंम्प्यूटर ऑपरेटर, टाइपिस्ट, कलेक्ट्रेट व अन्य सरकारी दफ्तर में काम करने वाले बाबू से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक शामिल हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि अप्रैल में कोर्ट परिसर में आए एक व्यक्ति ने किसी वेंडर को ऐप के बारे में जानकारी दी। स्टैंप वेंडर ने दूसरे वकीलों और वेंडर को इस ऐप से जोड़ा। उन लोगों ने दूसरे लोगों को इससे जोड़ा। इस तरह करीब 90 लोग इस ऐप से जुड़ गए। ऐप में काॅफी की वर्चुअल मशीन पर निवेश करने काे कहा जाता है। इसके अलावा अन्य सदस्यों को भी ऐप से जोड़ने पर अच्छे कमीशन का लालच दिया जाता है। कमीशन के लालच में लोगों ने अपना पैसा तो लगाया ही, साथ ही परिवार के लोगों, दोस्तों और रिश्तेदारों काे भी ऐप से जोड़ दिया। शुरुआत में लोगों को कमीशन भी मिला, लेकिन जब ऐप में करोड़ों रुपए का इंवेस्टमेंट हो गया तो कमीशन मिलना बंद हो गया और ऐप बंद कर दी गई। ठगी का मास्टर प्लान : 1 हजार 980 रुपए से लेकर 8 लाख 58 हजार तक इंवेस्ट कोर्ट परिसर में इस तरह हुई ठगी की शुरुआत कोर्ट परिसर के चैंबर एक के स्टांप वेंडर शकील ने बताया कि बीजेएस एरिया में रहने वाले युवराज सिंह ने उसे ऐप के बारे में बताया था। युवराज ने खुद को ऐप में ऑफिस मैनेजर बताया था। रातानाडा के एक होटल में मीटिंग भी रखी थी। ऐप में भी उसकी फोटो भी शो हो रही थी। उसके कहने पर शकील ऐप से जुड़ गया और दूसरे भी कई लोगों को जोड़ा। शकील ने बताया कि शुरुआत में उसे मुनाफा भी मिला। 50 हजार रुपए से ज्यादा इंवेस्ट करने के बाद 2 जुलाई से ऐप बंद है। युवराज भी अपने घर पर नहीं है। उसका फोन भी बंद है। शकील ने बताया कि ये ऐप प्ले स्टोर पर नहीं था। उसे स्कैनर से ऐप डाउनलाेड कराया गया। ठगी के शिकार लोगों की पीड़ा (भास्कर ने ठगी के शिकार लोगों से बात की। ज्यादातर ने ऑन कैमरा आकर अपने साथ हुई ठगी की कहानी बताने से इनकार कर दिया।) ठगी के शिकार दर्ज कराएंगे एफआईआर एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रतनाराम ढोलिया को जब भास्कर ने जानकारी दी तो उन्होंने स्टांप वैंडर शकील को ऑफिस में बुलाया और उससे सारी जानकारी ली। ढोलिया ने वेंडर शकील से ठगी के शिकार हुए लोगों की लिस्ट लाने को कहा व साइबर थाने में एफआईआर लिखवाने की हिदायत दी। ठगी का एक और ऐप : गाय को गोद लेकर इंवेस्टमेंट का झांसा कोर्ट परिसर में कॉफी पर निवेश की ठगी वाला ऐप बंद हुआ तो गाय को गोद लेकर इंवेस्टमेंट करने वाला नया ऐप आ गया। मंत्रामिल्क के नाम के इस ऐप में भी कुछ लोग निवेश कर रहे है। साइबर एक्सपर्ट ने पड़ताल की तो सामने आया कि ये ऐप भी प्रॉक्सी सर्वर से चल रहा है। यूएस के एरिजोना के टेंपा सिटी का ऐप बताया जा रहा है। साइबर एक्सपर्ट माधव गौड़ का कहना है कि निवेश के नाम पर ऐप से कई साइबर फ्रॉड हो रहे हैं। ऐसे में सतर्कता बरतना जरूरी है। वेबसाइट या स्कैनर से ऐप डाउनलाेड करने से बचें। ये ठगों की चाल हो सकती है। …. साइबर ठगी से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए… राजस्थान से साइबर ठगी के 15 करोड़ रुपए पाकिस्तान ट्रांसफर:असम STF ने डीग से आरोपी को पकड़ा, कहा-राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला पाकिस्तान में एक्टिव रही सिम से 15 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन किया गया। सिम राजस्थान काम में ली जा रही थी और यहीं से पूरा ट्रांजैक्शन किया गया है। पूरी खबर पढ़िए…