अहमदाबाद में गुरुवार को हुए विमान हादसे से महज 38 मिनट पहले एक MBBS छात्र ने उसी इमारत में खाना खाया था, जहां विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ। कोटा के दीगोद व्यापार संघ अध्यक्ष किशन सेन के बेटे मयंक सेन, जो बीजे मेडिकल कॉलेज में तृतीय वर्ष के छात्र हैं, ने बताया कि वह हादसे वाली जगह से मात्र 300 मीटर दूर थे जब यह दुर्घटना हुई। मयंक ने कहा- दोपहर 12:40 बजे वह अपने दोस्तों के साथ मैस में खाना खाने गए थे। करीब 20 मिनट में खाना खाकर ठीक 1 बजे वह मैस से निकले और हॉस्टल पहुंचे। लगभग 38 मिनट बाद उन्होंने एक तेज धमाके की आवाज सुनी। जब बाहर देखा तो धुएं का गुबार नजर आया। “मेरी किस्मत रही कि मैं बच गया,” मयंक ने बताया कि मैस की इमारत में ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर पर डॉक्टर्स खाना खाते हैं। आमतौर पर एक से डेढ़ बजे के बीच वहां सबसे ज्यादा भीड़ रहती है, जब दोनों फ्लोर पर करीब 100-100 लोग मौजूद रहते हैं। मयंक फर्स्ट फ्लोर से ही खाना खाकर निकले थे, और विमान भी उसी फर्स्ट फ्लोर से टकराया। दुर्भाग्यवश, इस हादसे में उनके कुछ दोस्तों की मौत हो गई। फिलहाल वह पोस्टमॉर्टम रूम पर हैं। यह घटना एक बड़ी त्रासदी का प्रतीक है, जहां कुछ मिनटों का अंतर किसी की जिंदगी और मौत के बीच का फासला बन सकता है। मयंक की कहानी इस बात का जीवंत उदाहरण है कि कभी-कभी किस्मत का खेल कितना अहम हो सकता है।