देवली उनियारा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की रिहाई की मांग को लेकर धरने प्रदर्शन जारी है। आज कोटा में सर्व समाज के लोग सड़क पर उतरे। लोगों ने नयापुरा से कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली। नरेश मीणा की रिहाई, एसपी एसडीएम और कलेक्टर की कार्यशैली की न्यायिक जांच, पीड़ित ग्रामीणों को उचित मुआवजा देने, गांव की क्षतिग्रस्त संपत्तियों की भरपाई करने, दोषी अधिकारों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया। सर्व समाज के प्रदर्शन को देखते मौके पर दो एसएसपी,3 डीएसपी,10 थानों सीआई मय जाब्ता, एक आरएसी की कंपनी तैनात रहे। व्रज वाहन, वाटर केनन के इंतजाम किए गए। हालांकि इस दौरान एक आरपीएस अधिकारी की कार बंद हो गई। जिसे पुलिस के जवानों ने धक्का लगाकर साइड में किया। प्रदर्शन में शामिल नगर निगम कोटा दक्षिण के उप महापौर पवन मीणा ने कहा 13 नवंबर को देवली उनियारा में उपचुनाव मतदान के दौरान समरावता गांव के ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए थे। स्थानीय प्रशासन ने धरने को खत्म करने का प्रयास किया। इस कारण वहां कुछ घटना हुई। शाम के वक्त गांव के लोग पुलिसकर्मियों को खाना खिला रहे थे। उस समय अचानक पुलिस की टोली आई और गांव के अंदर महाभारत जैसा तांडव मचा दिया। गांव के अंदर गाड़ियां जला दी। महिलाओं बुजुर्गों व बच्चों के साथ मारपीट की। क्या टोंक प्रशासन के पास और दूसरा विकल्प नहीं था? जब नरेश मीणा ने सरेंडर करने के लिए बोल दिया था ऐसा क्या हो गया था? ऐसे कितने हथियार गांव के अंदर थे? पूरे मामले को समझाइस के जरिए सुलझाया जा सकता था। आज ज्ञापन के माध्यम से सर्व समाज के लोगों ने मांग की है, टोंक के एसपी, कलेक्टर व एसडीएम की कार्य शैली को लेकर न्यायिक जांच बैठाई जाए।अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए,उनको निलंबित किया जाए। गांव के बेकसूर युवाओं को रिहा किया जाए। गांव में हुए नुकसान भरपाई की जाए ।संपत्तियों के नुकसान का मुआवजा दिया जाए। अगर ऐसा नहीं हुआ हमारा संघर्ष जारी रहेगा।