कोटा के उद्योग नगर इलाके के एक मात्र श्मशान घाट पर बारिश के सीजन में शवों का दाह संस्कार करना मुश्किल हो जाता है। श्मशान में लगा टीनशेड पूरी तरह गल चुका है। जलती चिता पर टूटे टीनशेड से होकर पानी गिरता है तो चिता बुझ जाती है। वार्ड-12 के पार्षद फतेह बहादुर सिंह ने बताया कि श्मशान घाट पर 12 वार्डों के लोग अंतिम संस्कार के लिए आते हैं। इन वार्डों की करीब एक लाख आबादी है। यहां रोजाना 2-3 शवों का दाह संस्कार किया जाता है। लेकिन बारिश के सीजन में लोगों को बड़ी परेशानी होती है। पार्षद बोले- मुझे शर्म आती है पार्षद ने कहा कि कई बार नगर निगम अधिकारियों को लेटर भी दिए गए हैं, लेकिन अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की। मुझे इसके लिए शर्म आती है कि मैं इस इलाके का पार्षद हूं और अधिकारियों की अनदेखी के चलते इसका काम नहीं करवा पा रहा हूं। बारिश में बुझ जाती है चिता स्थानीय वार्ड पार्षद फतेह बहादुर सिंह ने बताया कि सोमवार को मुक्तिधाम में दाह संस्कार के लिए दो शवों को लाया गया। अंतिम संस्कार करते ही तेज बारिश आ गई। टीन शेड पूरी तरह से टूटे हुए थे। आसमान से बरसता पानी शव के जलने में बाधक बन गया। जो परिवार अपने परिजन की मृत्यु पर पहले से दुखी था। इस घटना के बाद और भी ज्यादा विचलित हो गया। जब जलते हुए शव की आग बारिश के पानी से बुझ जाए। शव को जलाने में ही घंटों लग गए। 12 वार्डों के अंतिम संस्कार होते हैं उन्होंने कहा कि दो साल पहले 25 लाख की लागत से मुक्तिधाम में निर्माण कार्य करवाया था। यहां 12 वार्डों के लोग अंतिम संस्कार के लिए आते हैं। डीसीएम, कंसुआं, प्रेमनगर प्रथम, द्वितीय, तृतीय, गोविंद नगर प्रथम, द्वितीय, सूरसागर, श्री राम नगर, प्रेम नगर अफोर्डेबल, कंसुआ अफॉर्डेबल, चंद्रशेखर योजना, बॉम्बे योजना उद्योगनगर, इलाके में एक मात्र मुक्तिधाम है। 12 वार्डों में 1 लाख की आबादी है। यह मुक्तिधाम पूरी तरह जर्जर हालत में है। यहां पर तीन जगहों पर टीन शेड लगे हुए हैं जो की पूरी तरह से गल चुके हैं। प्रत्येक दिन तीन अंतिम संस्कार इस मुक्तिधाम में होते हैं।