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कोटा में कैचमेंट एरिया और पठारी क्षेत्र में हो रही बरसात से बांधों से छोड़े जा रही पानी से टर्बिडिटी (पानी में मिट्टी) बढ़ गई है। इसके चलते फिल्टर प्लांटों पर असर पड़ा है। पानी कम होने से शहर के कई इलाकों की आपूर्ति गड़बड़ा गई है। जलदाय विभाग (PHED)अधिशासी अभियंता प्रकाशवीर नाथानी ने बताया- राणा प्रताप, जवाहर सागर और कोटा बैराज के गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है। चंबल से गंदलापन पानी आ रहा है। शहर के तीनों फिल्टर प्लांटों की प्रोडक्शन कैपेसिटी कम हुई है। टर्बिडिटी 600 के पार पहुंच गई। अकलेगढ़, सकतपुरा व श्रीनाथपुरम प्लांट में 60 फीसदी ही जल शोधन हो रहा है। अकलेगढ़ में 192 व 75 MLD, सकतपुरा में 200 MLD व श्रीनाथपुरम में 50 MLD का फिल्टर प्लांट है। अभी इन प्लांटों से 40 फीसदी उत्पादन कम हो रहा है। शहर के कई इलाकों में एक टाइम ही पानी की सप्लाई हो रही है। कई इलाकों में कम दबाव से पानी सप्लाई किया जा रहा है।जैसे जैसे बांधों के गेट बंद होंगे, पानी की आवक घटेगी।वैसे वैसे फिल्टर प्लांटों में प्रोडक्शन बढ़ेगा।

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